जालंधर। शिक्षा विभाग में कच्चे मुलाजिमों ने काली दिवाली मनाते ‘एमपी सांसद संतोख सिंह चौधरी’ को मिठाई का डिब्बा देने के बजाय ‘कोयले से भरा डिब्बा’ देने घर पहुंचे। सभी मुलाजिम आदर्श नगर पार्क में इकट्ठे हो गए थे, जहां से पहले तो उन्हें पार्क से बाहर नहीं निकलने दिया गया। यह कहकर शांत करवाया गया कि चौधरी साहिब का कोई नुमाइंदा डिब्बा लेने आ रहा है। कुछ समय इंतजार करने के बाद कोई नहीं आया तो नाराज कर्मचारी इन डिब्बों को कोठी के गेट के पास ही रखकर चले गए।
अनोखे ढंग से रोष जताने वाले ये ठेका आधारित कर्मचारी एक मार्च के रूप में आदर्श नगर से 100 मीटर की दूरी पर स्थिति सड़क पर नारेबाजी करते हुए और हाथों में कोयले से भरे डिब्बे लेकर निकले। पुलिस की तरफ से सभी को रोकने के लिए बैरीकेड्स लगाए हुए थे। ऐसे में मुलाजिमों ने करीब पौना घंटा प्रदर्शन करने के बाद उनके घर के पास ही कोयले से भरे डिब्बे रख दिए। उनकी तरफ से यह डिब्बे राहुल गांधी के नाम पर थे, क्योंकि उनका तर्क है कि दीपावली पर दीये तो जला नहीं सकते, मिठाई लेने के लिए पैसे नहीं...। दस साल से रेगुलर की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे मुलाजिमों ने प्रदर्शन किया।
ये है नाराजगी का कारण
सभी में इस बात का भी रोष है कि कांग्रेस सरकार की तरफ से 19 महीने में मुलाजिमों का एक पैसा भी नहीं बढ़ा, जबकि 2400 रुपए का अतिरिक्त विकास टैक्स जरूर ले लिया। कच्चे मुलाजिमों को पक्का करने की बजाय सरकार ने उनके वेतन पर ही कैंची चला दी। प्रदर्शन की अध्यक्षता स्टेट बॉडी लीडर आशीष जुलाहा ने की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठेका मुलाजिमों के साथ वायदा करके मुकरने का निरंतर मजाक कर रहे हैं।
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