ICICI LOMBARD सेवा में कमी की दोषी, उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगाया | BUSINESS NEWS

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धार। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनियों में से एक ICICI Lombard™ Insurance को सेवा में कमी का दोषी पाया गया है। उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को न केवल उपभोक्ता का करीब 15 लाख रुपए का होम लोन चुकाने, बल्कि उसे हुई मानसिक पीड़ा के लिए 20 हजार रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया है। 

सुनवाई अध्यक्ष आरके भावे और सदस्य सुनील श्रीवास्तव ने की है। फोरम में सेमरा स्थित राजीव नगर निवासी नरेंद्र कुमार गौतम ने 13 जून 2016 को आईसीआईसीआई लोम्बार्ड और पीएनबी हाउसिंग फायनेंस लिमिटेड के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि मई 2013 में कटारा हिल्स में 2 बीएचके फ्लैट पीएनबी हाउसिंग फायनेंस से 14 लाख 80 हजार का होम लोन लिया था। उन्होंने वर्ष 2013 में स्वास्थ्य बीमा और मकान क्षतिपूर्ति बीमा पॉलिसी आईसीआईसीआई लोम्बार्ड से 32 हजार 472 रुपए में खरीदी थी। पॉलिसी देते समय बताया गया था कि स्वास्थ्य खराब होने या दुर्घटना की स्थिति में बकाया लोन राशि बीमा कंपनी देगी। साथ इलाज में खर्च होने वाली राशि भी अदा करेगी। स्वास्थ्य पॉलिसी 2018 और मकान की पॉलिसी वर्ष 2033 तक वैध थी। 

27 जनवरी 2015 को उन्हें चक्कर आया और वे गिर गए। जांच के बाद उसे न्यूरो सिस्टो सरकोसिस नामक बीमारी बताई गई, जिसका इलाज चल रहा है। उन्होंने इलाज में लापरवाही बरतने पर शरीर को लकवा मारने सहित जान जाने का खतरा बताया। उन्होंने उपचार की जांच व पर्चे आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को प्रस्तुत कर उसे बीमा पॉलिसी का लाभ देने के लिए क्लेम किया। लेकिन कंपनी ने साधारण बीमारी बताते हुए उसको खारिज कर दिया गया। उपभोक्ता फोरम के एडवोकेट मोहन चौकसे का कहना कि प्रदेश की फोरम इस तरह का पहली बार फैसला आया है। जिसमें उपभोक्ता का लोन चुकाने के लिए फोरम बीमा कंपनी को आदेश दिया है। 

INSURANCE COMPANY का तर्क- पॉलिसी में शामिल नहीं थी बीमारी 


आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की ओर से एडवोकेट अलंकार सोनी ने कहा कि कंपनी द्वारा बेची गई पॉलिसी में नरेंद्र द्वारा बताई गई बीमारी शामिल नहीं है। वहीं पीएनबी हाउसिंग की ओर से तर्क दिया गया कि आवेदक की ओर से पेश याचिका में आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को ही सेवा में कमी का दोषी बताया गया है, जबकि उसके खिलाफ कोई आरोप नहीं है। ऐसे में उसके खिलाफ मामला खारिज किया जाए।

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