भोपाल। कैलाश विजयवर्गीय ने ऐलान किया था कि वो अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय की चुनाव में कोई मदद नहीं करेंगे। आकाश अपनी योग्यता के आधार पर चुनाव जीतेगा परंतु उनका यह ऐलान भी शिवराज सिंह की घोषणा की तरह झूठा निकला। कैलाश विजयवर्गीय ने तमाम मानमनोव्वल कर बागी हुए दामाद ललित पोरवाल का नाम वापस करवा लिया है। नाम वापसी के समय कैलाश विजयवर्गीय की पत्नी ललित के साथ थीं। बताने की जरूरत नहीं कि कैलाश विजयवर्गीय के अलावा उनकी पत्नी और रमेश मेंदोला तक सारे के सारे लोग आकाश को जिताने के लिए जुगत लगा रहे हैं।
कैलाश ने ललित से वादा किया था आकाश को टिकट दिला दिया
कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय इंदौर-तीन विधानसभा से मैदान में हैं और उनके सामने कैलाश के दामाद ललित पोरवाल मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर गए थे। ललित पोरवाल से कैलाश विजयवर्गीय की भतीजी सपना विजयवर्गीय की शादी हुई है। विजयवर्गीय ने ही सपना का कन्यादान किया था। कैलाश विजयवर्गीय ने ललित पोरवाल से वादा किया था कि वो इंदौर 3 से उन्हे टिकट दिलाएंगे। ललित पोरवाल इसी वादे को ध्यान में रखकर लगातार तैयारियां कर रहे थे। उन्होंने चुनाव के काफी पहले से इंदौर 3 में काम करना शुरू कर दिया था। ऐन मौके पर आकाश को टिकट दे दिया गया।
ललित पोरवाल कैलाश विजयवर्गीय के सबसे अच्छे मित्र और करीबी भी माने जाते हैं लेकिन सबको चौंकाते हुए उन्होंने आकाश के सामने ही परचा भर दिया था। इसके बाद कांग्रेस को भी बीजेपी पर हमला बोलने का मौका मिल गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि विजयवर्गीय अपने दामाद को ही नहीं संभाल पा रहे हैं तो पार्टी को क्या संभालेंगे। हालांकि अब मामला सुलझ गया है।