नई दिल्ली। कॉम्पिटिशन कमिशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने ई-टिकट की बिक्री में वास्तविक मूल्य के मुकाबले अधिक कीमत वसूलकर बाजार में मजबूत स्थिति के कथित दुरूपयोग को लेकर भारतीय रेल तथा उसकी इकाई आईआरसीटीसी के खिलाफ जांच का आदेश दिया है। गुजरात के अहमदाबाद के मीत शाह और राजकोट के आनंद रणपाड़ा ने रेलवे तथा आईआरसीटीसी के खिलाफ शिकायत की है जिस पर आयोग ने जांच का आदेश दिया है।
दोनों ने आरोप लगाया कि रेलवे तथा आईआरसीटीसी दोनों ही वास्तविक आधार किराया पर पहुंचने के लिए किराये को 5 के गुणक में निकटतम ऊपरी अंक में तय करते हैं। इससे खासकर आनलाइन बुकिंग में रेल टिकट बिक्री के लिए बाजार में अनुचित शर्तें थोपी जाती हैं। पहली नजर में नियमों के उल्लंघन का मामला पाए जाने के बाद सीसीआई ने 9 नवंबर को अपने आदेश में जांच इकाई को मामले की जांच करने का आदेश दिया। जांच में मामले से जुड़े लोगों की संभावित भूमिका की भी जांच की जाएगी। आयोग ने कहा, इस समय ऐसा लगता है कि रेल मंत्रालय और आईआरसीटी बिना उचित कारण के ऑनलाइन बुकिंग में वास्तविक किराए को ‘राउंड आफ’ करते हैं।
शिकायत के अनुसार ग्राहक पूरी तरह रेल मंत्रालय और आईआरसीटीसी पर निर्भर है तथा उसके बाद उसके द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का कोई विकल्प नहीं है। हालांकि, दोनों इकाइयों ने कहा कि टिकट के मामले में खुदरा राशि लेने और देने से लेन-देन में लगने वाला समय बढ़ेगा। ऐसे में लेन-देन में लगने वाले समय में कमी लाने तथा यात्रियों को तीव्र सेवा देने के लिए किराये को ‘राउंड आफ’ करने का फैसला किया गया है।