भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द यदि कुछ होगा तो शायद यही होगा कि उनका युवराज कार्तिकेय सिंह चौहान उनकी तरह नहीं है। कार्तिकेय उनका राजनैतिक उत्तराधिकारी नहीं बन पाया। एलएलबी पास कार्तिकेय सिंह भोपाल में फूल की दुकान और विदिशा में दूध डेयरी चलाते हैं परंतु विशेष न्यायालय में उन्होंने राहुल गांधी के विरुद्ध दाखिल याचिका में खुद को समाजसेवी बताया है। बयान देने आए कार्तिकेय को जज ने समझाया कि कोर्ट में कैसे पेश आए, नहीं तो परेशानी में आ सकते हैं।
घटना शनिवार को उस समय की है जब वह अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि केस में अपना बयान दर्ज कराने न्यायलय पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने कोर्टरूम में अपने पैंट से मोबाइल निकालकर विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह को कुछ बताने की कोशिश की तो जज ने उन्हें मोबाइल निकालने से रोक दिया। जज ने कहा, मोबाइल मत दिखाओ नहीं तो जब्त हो जाएगा।
इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी। गौरतलब है कि राहुल गांधी ने झाबुआ में एक रैली को संबोधित करते हुए पनामा मामले में सीएम शिवराज के बेटे का नाम आने की बात कही थी। दूसरे दिन सुबह उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था। बताया जाता है कि कार्तिकेय सिंह ने पुणे में रहकर बीए एलएलबी की पढ़ाई की है। बकौल कार्तिकेय वो कॉलेज में छात्रसंघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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