इंदौर। मप्र कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, राहुल गांधी की टीम के प्रमुख सदस्य और विधायक जीतू पटवारी के राजनैतिक जीवन की यह अब तक की सबसे बड़ी हूटिंग है। ग्रामीणों ने भरे मंच पर उन्हे धक्का दिया और भीड़ के बीच में भेज दिया। पटवारी मॉब लिचिंग के शिकार भी हो सकते थे परंतु वो बचकर वहां से निकल गए।
चुनाव प्रचार के लिए राऊ विधानसभा प्रत्याशी जीतू पटवारी रंगवासा गांव पंहुचे थे, जहां चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों ने पटवारी से सामुदायिक भवन बनवाने की मांग रखी। जिस पर कांग्रेस विधायक ने भी हामी भरते हुए गांव में सामुदायिक भवन बनवाने की मांग स्वीकार कर ली, लेकिन ग्रामीण ने यह कहते हुए उनकी बात पर विवाद खड़ा कर दिया कि पहले तो आप कह चुके हैं कि गांव में सामुदायिक भवन बनाने के लिए आप 10 लाख की राशि स्वीकृत कर चुके हैं। जिसके बाद पटवारी इस बात से बचते नजर आए और ग्रामीणों ने उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी।
पैसे लेकर ब्लाउज में रख लेतीं हैं महिलाएं: जीतू पटवारी
बता दें इससे पहले कांग्रेस विधायक अपने एक बयान के चलते भी जनता के गुस्से का शिकार हो चुके हैं। 19 नवंबर को चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि 'चुनाव आने पर महिलाएं रिश्वत लेती हैं और पैसों को ब्लाउज में रखती हैं।' महिलाओं के साथ ही उन्होंने ग्रामीण पुरुषों पर भी रिश्वत लेकर अपने वोट बेचने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि 'पुरुष रिश्वत में पैसे लेते हैं और फिर उससे शराब पी लेते हैं. यहा फिर वह शराब ही रिश्वत में शराब ही ले लेते हैं।
पार्टी गई तेल लेने: जीतू पटवारी
इससे पहले पटवारी अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने के चलते भी काफी विवादों में घिरे हुए थे। चुनाव प्रचार के दौरान ही उन्होंने कहा था कि 'इस विधानसभा चुनाव मेरा ख्याल रखना, मेरी इज्जत रखना, पार्टी गई तेल लेने।' जिसके बाद पार्टी के प्रति उनका नजरिया साफ दिखाई देता है। अपनी ही पार्टी के खिलाफ दिया उनका यह बयान काफी सुर्खियों में रहा था।
— Rajendra Singh (@RajendrSinghBjp) November 23, 2018