भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कुल 100 से ज्यादा पार्टियां मैदान में हैं। इनमें से केवल बीजेपी-कांग्रेस हैं जिन्होंने 228 से ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। यानी मुख्य मुकाबला बीजेपी-कांग्रेस के बीच है परंतु इलेक्शन गेम्बलर्स ( Election Gamblers) का मानना है कि दोनों पार्टियां फिलहाल 100-100 पर ही हैं। आइए जानते हैं उन 4 पार्टियों के बारे में जिन्होंने मध्यप्रदेश चुनाव के समीकरण बदल दिए:
BSP: 72 सीटों पर कांग्रेस को नुक्सान पहुंचा रही है
2 अप्रैल को जो एससी-एसटी के आंदोलन के बाद मध्यप्रदेश में अंडर करंट है जो 6 फीसदी वोट से 10 फीसदी में कन्वर्ट होगा। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार का दावा है कि 30-35 सीटें जीतने की स्थिति बन रही है। हम 72 सीटों पर बीजेपी को सीधी टक्कर दे रहे हैं। 15 साल की एंटी इनकंबेंसी का फायदा कांग्रेस को उतना नहीं मिलेगा जितना बीजेपी को मिलेगा।
SP: 52 सीटों पर मैदान में, कांग्रेस और भाजपा दोनों को नुक्सान
समाजवादी पार्टी ने 52 सीटों पर प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस-बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश की है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बालाघाट, मैहर, बेगमगंज सहित कई अन्य स्थानों पर चुनावी सभाएं ली हैं। वे लगातार सक्रिय रहकर ये संदेश देना चाह रहे हैं कि वह वोट कटवा पार्टी नहीं बल्कि सीटों को जीतने की चाहत भी रखती है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन करने से इनकार कर दिया था। इसलिए मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। इससे आदिवासी अंचल में बीजेपी को नुकसान हो सकता है।
AAP: मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल में पहली बार एंट्री
208 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश के चुनावी दंगल में पहली बार एंट्री की है। अंतिम समय में आप ने ज्यादातर उन उम्मीदवारों को टिकट दिया है जो अपने क्षेत्र में दबदबा रखते हैं लेकिन वह बीजेपी और कांग्रेस का टिकट पाने में नाकाम रहे। दोनों दलों के बागी आप के टिकट पर हैं तो स्वभाविक है दोनों ही पार्टियों को नुक्सान पहुंचाएंगे।
गोंगपा: 73 सीटों पर CONGRESS को बढ़ने से और भाजपा को जीतने से रोक रही है
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी आदिवासी बेल्ट में एक बड़ी ताकत है। इसके प्रत्याशी भी प्रचार में सक्रियता दिखा रहे हैं। गोंगपा ने 73 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। ये सीटें पहले कांग्रेस की हुआ करतीं थीं। अब ज्यादातर सीटों पर भाजपा का कब्जा है लेकिन आदिवासी गोंगपा की तरफ वापस लौट रहा है। भाजपा का कब्जा कम होगा और कांग्रेस की पारंपरिक सीटें उसे वापस नहीं मिल पाएंगी।
Sapaks: 110 सीटों पर BJP को नुक्सान
एससी-एसटी एक्ट में हुए संशोधन के विरोध में मैदान में उतरी सपाक्स पार्टी (सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी कर्मचारी संस्था) ने 110 प्रत्याशियों को टिकट दिए हैं। पार्टी का आंदोलन लगातार जारी रहा। यह पार्टी सीधे सीधे भाजपा को नुक्सान पहुंचा रही है।