रतलाम। वेतन समय पर बांटने के मामले में तीन महीने से प्रदेश में अव्वल रतलाम जिले के ही जनजातीय कार्य विभाग के 2800 अध्यापकों को अक्टूबर का वेतन नहीं मिला है। पांच दिवसीय दीपोत्सव भी उन्होंने बिना वेतन के ही मनाया। कई जरूरी काम उन्हें उधार मांगकर निपटाने पड़े। जब इस बारे में तलाश की गई तो पता चला कि विभाग के अफसर तो अपना वेतन निकाल चुके हैं लेकिन अध्यापकों ने जब वेतन भुगतान की बात कही तो ‘बजट नहीं है’ कहकर टाल दिया।
जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत सहायक अध्यापक, अध्यापक व वरिष्ठ अध्यापकों को नवंबर के 9 दिन दिन गुजरने के बाद भी उन्हें वेतन का इंतजार है। इस बीत दीपावली जैसा महत्वपूर्ण त्योहार भी गुजर गया। वेतन के लिए अध्यापक जब भी अफसरों के पास जाते हैं तो एक ही जवाब मिलता है- बजट का आवंटन अब तक नहीं हो पाया है। परामर्शदात्री समिति की बैठक में उठा था मुद्दा- मप्र शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष सर्वेश माथुर ने बताया परामर्शदात्री समिति की बैठक में वेतन मिलने में देरी का मुद्दा उठा था।
तब समय पर वेतन जारी करने का आश्वासन मिला था लेकिन आज तक नहीं हुआ। जनजातीय कार्य विभाग के अध्यापकों को आर्थिक परेशानी झेलना पड़ रही है। जनजातीय कार्य विभाग में दो अफसर काम कर रहे हें। एक प्रभारी सहायक आयुक्त जे.एस. डामोर व दूसरे आरएस परिहार। परिहार के पास प्रशासनिक पावरर नहीं है।