कमलनाथ के रहस्य: आपातकाल में की कमाई, फिर बढ़ते ही चले गए | MP MEWS

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भोपाल। कमलनाथ के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जानना चाहते हैं परंतु कमलनाथ सबकुछ छुपाने की कोशिश में लगे रहते हैं। कमलनाथ छिंदवाड़ा के सांसद हैं, उनकी कुछ सफलताएं भी हैं यहां तक तो सबको पता है परंतु कमलनाथ उद्योगपति कैसे उनकी शुरूआत कैसे हुई कोई नहीं जानता लेकिन अब कुछ कहानियां सामने आ रहीं हैं। 

कमलनाथ का कारोबारी रहस्य

जीन्यूज ने कमलनाथ की सफलताओं पर आधारित एक स्टोरी चलाई। इसमें बताया गया है कि कमलनाथ ने आपातकाल से पहले ईएमसी लिमिटेड नाम की एक कंपनी भी बनाई थी लेकिन वो चल नहीं पाई और कर्ज में डूब गई। आपातकाल लगने के बाद उनकी कंपनी मुनाफे में आती चली गई। बस यहीं से कमलनाथ के उद्योगपति बनने की शुरूआत हुई। वर्तमान में कमलनाथ का परिवार 23 कंपनियों का मालिक है। कमलनाथ किसी भी कंपनी में डायरेक्टर नहीं हैं। कमलनाथ की एकमात्र कंपनी ईएमसी लिमिटेड को ठेके देने के मामले में एक जांच आयोग भी बनाया गया लेकिन इस आयोग की जांच रिपोर्ट का आज तक कुछ पता नहीं चला।

ऐसे सीखी जुगाड़ की राजनीति

कार्पोरेट भाषा में इसे रिलेशनलिप, राजनीति में संबंध बनाना और मध्यप्रदेश की क्षेत्रीय भाषा में इसे जुगाड़ की राजनीति कहते हैं। कमलनाथ जुगाड़ की राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते है। इसी के कारण उन्हे गांधी परिवार के निकट आने का मौका मिला। जिस संजय गांधी को कांग्रेस याद तक नहीं करना चाहती, उसी संजय गांधी के दोस्त कमलनाथ को हमेशा महत्व दिया गया। दरअसल हुआ यूं कि 1975 के आपातकाल के बाद कमलनाथ के सामने मुश्किलें आईं। कमलनाथ अपनी कंपनी के चलते परेशान हुए लेकिन इस दौरान उन्होंने कई अन्य नेताओं से संपर्क साधना शुरू किया। उन्होंने भजनलाल, बीजू पटनायक, राजनारायण, चौधरी चरण सिंह और इंदिरा गांधी के बीच सेतु का काम किया। इस तरह से वो इंदिरा गांधी के नजदीक आ गए। 1980 में संजय गांधी के निधन के बाद भी जुगाड़ की राजनीति के कारण उन्हे छिंदवाड़ा से टिकट और कांग्रेस में महत्व मिलता रहा।

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