भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस इस बार सत्ता तक पहुंचना चाहती है परंतु प्रत्याशियों को कोई मदद नहीं की जा रही है। दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ अपने अपने समर्थक प्रत्याशियों के लिए प्रचार तो कर रहे हैं परंतु पार्टी की तरफ से कोई प्रचार नजर नहीं आ रहा है। कड़की में चल रही कांग्रेस ने प्रत्याशियों को झंडे और बैनर तक नहीं भेजे हैं। जबकि कमलनाथ ने दावा किया था कि यदि उन्हे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो कांग्रेस का खजाना भर दिया जाएगा। हालात यह है कि यदि मीडिया रहम का ना करे तो कांग्रेस की स्थिति बीएसपी से ज्यादा अच्छी नजर ना आए।
बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार सामग्री के नाम पर अभी तक सिर्फ एक पैन-ड्राइव और दो किताबे भिजवाई हैं। हर जिले में 2 से ज्यादा जिलाध्यक्ष हैं परंतु हालात यह हैं कि संगठन के पदाधिकारियों को जनसंपर्क हेतु भेजने के लिए कांग्रेस के पास डीजल/पेट्रोल तक नहीं है। यह सबकुछ तब हो रहा है जब कांग्रेस नेताओं में कोई राजा, कोई महाराजा और कोई देश का बड़ा उद्योगपति है। पीसीसी के अनुसार पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने हर प्रत्याशी को 18 लाख रुपए दिए थे। लेकिन इस बार चुनाव में कोई आर्थिक मदद नहीं की है।
कांग्रेस ने सिर्फ डिजाइन भेज दिए
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रत्याशियों को पैन ड्राइव भेजी है। जिसमें बैनर, पोस्टर, पेंपलेट के डिजाइन हैं। प्रत्याशी अपनी सुविधानुसार छपवा सकते हैं। जबकि पिछले चुनावों तक अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रचार सामग्री भेजी जाती थी, जिसे ट्रकों में भरकर प्रदेश के जिलों में प्रत्याशियों के पास पहुंचाया जाता था। प्रत्याशियों को जो दो किताबें पहुंचाई हैं, उनमें से एक किताब में सत्तारूढ़ दल की सरकार के कारनामे हैं। जिन्हें चुनाव में उठाना है। जबकि दूसरी किताब में कांंग्रेस का वचन पत्र सहित कांग्रेस सरकार के समय में बनाई गर्इं योजनाएं हैं।