भोपाल। यह खबर अरुण यादव के लिए कैसी है कैसी नहीं, इसकी चर्चा बाद में कर लेगे। फिलहाल तो बड़ी खबर यह है कि समाजवादी पार्टी का टिकट लौटाकर कांग्रेस में शामिल हुए अर्जुन आर्य को कांग्रेस ने 'धोबी का दोस्त' बनाकर रख दिया। अर्जुन ने बुधनी से कांग्रेस के टिकट की आस में सपा का टिकट लौटाया था परंतु आज घोषित हुई कांग्रेस की लिस्ट में बुधनी से शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को उतार दिया गया है।
कॉलेज के समय जब सारे लोग मार्क्स पर फोकस करते हैं, अर्जुन आर्य दिल्ली यूनिवर्सिटी में राजनीति पर फोकस कर रहे थे। नेता बनने का गजब का शौक था। इसी के चलते वो दिल्ली यूनिवर्सिटी में सपा के संपर्क में आ गए। खुद को हीरो की तरह पेश करने की ट्रिक ने उन्हे अखिलेश यादव तक भी पहुंचा दिया। फिर वो दिल्ली से लौटकर बुधनी आ गए और यहां किसानों के बीच जाकर अपना जनाधार बढ़ाने लगे। लोगों को मालूम ही नहीं था कि अर्जुन आर्य सपा नेता है। डीयू का स्टूडेंट किसान आंदोलन का नेतृत्व करता नजर आया तो सबकी सहानुभूति जुड़ गई। भाजपा ने पहले दबाने और फिर मनाने का प्रयास किया लेकिन कांग्रेस ने मौका लपक लिया।
चुनाव आते ही अखिलेश यादव ने अर्जुन आर्य का नाम बतौर प्रत्याशी घोषित कर दिया। दरअसल, अर्जुन ने अखिलेश को बताया ही नहीं था कि वो दिग्विजय सिंह के संपर्क में आ गए हैं। टिकट मिलने के बाद सबकुछ क्लीयर करना पड़ा। सपा का टिकट लौटा दिया और कांग्रेस ज्वाइन कर ली। अर्जुन आर्य को भरोसा दिलाया गया था कि कांग्रेस का टिकट उन्हे ही मिलेगा परंतु आज जब लिस्ट जारी हुई तो बुधनी के आगे लिखा मिला: अरुण यादव।
अर्जुन आर्य ने भोपाल समाचार डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि वो हाईकमान के निर्णय को स्वीकार करते हैं। अरुण यादव को जिताने के लिए काम करेंगे और शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ उनका अभियान जारी रहेगा।
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