भोपाल। सपाक्स पार्टी (Sapaks) के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी (Hiralal Trivedi) ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान तो बड़े जोरशोर से किया था परंतु चुनावी शोर में हीरालाल त्रिवेदी और सपाक्स पार्टी के तमाम स्टार प्रचारक ना जाने कहां गायब हो गए हैं। हालात यह है कि शिवराज (SHIVRAJ) सरकार के सताए कर्मचारियों (EMPLOYEE) को भी सपाक्स पार्टी अपने साथ नहीं मिला पा रही है।
शिवराज सिंह सरकार के कार्यकाल में निष्कासित किए गए संविदा कर्मचारियों ने आज कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की एवं कांग्रेस को समर्थन का ऐलान कर दिया। एक तरह से देखा जाए तो सपाक्स पार्टी का यह अवसर कांग्रेस छीन ले गई। कु्छ सीटों पर सपाक्स पार्टी के प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया तो कुछ प्रत्याशी दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए।
मप्र में सपा BSP जैसी हालत हो गई सपाक्स (Sapaks) पार्टी की
मध्यप्रदेश चुनाव से पहले माना जा रहा था कि सपाक्स पार्टी पूरी ताकत से सामने आएगी और वह कांग्रेस को पीछे छोड़ देगी। 10 लाख कर्मचारियों का परिवार, 3 लाख रिटायर्ड कर्मचारी और 5 लाख से ज्यादा ऐसे कर्मचारी जिन्हे सरकार कर्मचारी ही नहीं मानती, एक बड़ी संख्या होती है। हीरालाल त्रिवेदी सहित कई दिग्गज आईएएस अफसर सपाक्स पार्टी से जुड़े तो सबने माना कि चुनाव में ताकत दिखाई देगी परंतु हालात यह हैं कि हीरालाल त्रिवेदी का प्रतिदिन एक बयान तक नहीं देखने को मिल रहा है।