भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी हीरालाल त्रिवेदी ने बिना रजिस्ट्रेशन के ही सपाक्स पार्टी का ऐलान कर दिया। प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। इधर सपाक्स के संस्थापक ललित शास्त्री ने सपाक्स पार्टी के नाम पर आपत्ति दर्ज करा दी और फाइनली रजिस्ट्रेशन अटक गया। अब सपाक्स पार्टी के नाम से कोई संगठन चुनाव मैदान में नहीं होगा। हीरालाल त्रिवेदी और उनके साथी एक नई पार्टी के नाम और चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे।
सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष हीरालाल त्रिवेदी ने बताया कि सपाक्स पार्टी ने सम्पूर्ण समाज पार्टी के साथ गठबंधन किया है। विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर हम संयुक्त रूप से प्रत्याशी उतारेंगे। उन्होने बताया कि पार्टी का चुनाव चिन्ह अंगूठी होगा। त्रिवेदी के इस बयान में भी पेंच है। जो पार्टी रजिस्टर्ड ही नहीं है उसका गठबंधन कैसा।
सोशल मीडिया की पार्टी बनकर रह गई सपाक्स पार्टी
मध्यप्रदेश के एक शक्तिशाली संगठन सपाक्स से पैदा हुई सपाक्स पार्टी का अस्तित्व अब केवल सोशल मीडिया पर ही रह गया है। सपाक्स पार्टी का ना तो रजिस्ट्रेशन हुआ है और ना ही उसका अपना कोई चुनाव चिन्ह है। हीरालाल त्रिवेदी और उनकी टीम के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वो प्रदेश के 5 करोड़ मतदाताओं को कैसे बताएं कि संपूर्ण समाज पार्टी के नाम से उतारा गया प्रत्याशी ही सपाक्स का प्रत्याशी है।
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