इंदौर। मध्यप्रदेश में चुनावी बवंडर के बीच एट्रोसिटी एक्ट का विरोध कमजोर नहीं पड़ा है। इसका प्रमाण नीमच में दिखाई दिया जहां विधायक ओमप्रकाश सकलेचा का रास्ता रोककर ग्रामीणों ने उन्हे नारे सुनाए। ग्रामीण 'अपना सिक्का खोटा, वोट फॉर नोटा' नारे लगा रहे थे। हालात यह बने कि भीड़ को देखकर रुके विधायक चुपचाप कार में सवार हुए और खिसक लिए।
खबर आ रही है कि सोमवार को मध्य प्रदेश के नीमच की जावद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह के यहां मिलने के लिए आकली गांव गए थे। इस दौरान लौटते समय विधायक को ग्रामीणों और युवाओं ने घेर लिया व नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों का कहना था कि इतने विरोध प्रदर्शन के बावजूद भी अब तक एक्ट को वापस नही लिया गया। इसका अंजाम उन्हें चुनाव में भुगतना पड़ेगा। इस दौरान लोगों ने “अपने सिक्का खोटा, वोट फॉर नोटा” नारे भी लगाए।
अकाली से ही शुरू हुआ था एससीएसटी एक्ट का विरोध
बताते चले कि अकाली वही गांव है जहां सबसे पहले एससीएसटी एक्ट का विरोध शुरू हुआ था।यहां करीब 750 मतदाता है और यह गांव भाजपा का गांव कहा जाता है। बीते दिनों भारत बंद के दौरान भी नीमच जिले के तीन और गांवों के लोगों ने नोटा में वोट देने का ऐलान किया था। पूर्व में 11 गांव एक्ट के विरोध में प्रदर्शन में शामिल हो चुके हैं। अब विधानसभा चुनाव नजदीक है, ऐसे में एट्रोसिटी एक्ट भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर सकता है।
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