भोपाल। युवा जागरूकता जनकल्याण संगठन ने नवीन चिकित्सा महाविद्यालयों में अधिष्ठाता और अधीक्षक की भर्ती को रोकने के लिए मुख्य सचिव सहित निर्वाचन आयोग एवं अनुसूचित जाति आयोग को पत्र भेजा है। संगठन का कहना है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में अधिष्ठाता ओर अधीक्षक के पदों को पहले सृजन किया फिर एकल पद बना दिया, सामान्य प्रशासन विभाग के नियमानुसार पर एक से अधिक पदों पर नियुक्ति हेतु आरक्षण रोस्टर लागू करना अनिवार्य है।
संगठन के प्रदेश सचिव प्रशासन अंकित तिवारी ने बताया कि उन्होंने उक्त मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग सहित अनुसूचित जाति आयोग में कर दी है। संगठन का आरोप है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग को चुनाव के समय में भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही करना सरासर गलत है जिसके लिए उन्हें चुनाव आयोग से भी स्वीकृति लेनी पड़ी, चिकित्सा शिक्षा विभाग नियम और रोस्टर को दरकिनार कर अपने चहेतों को लाभ पहुचाना चाहता है।
निर्वाचन आयोग से आनन फानन में ली चिकित्सा शिक्षा विभाग ने स्वीकृति
प्रदेश में आदर्श आचार सहिता लागू है लेकिन चिकित्सा शिक्षा विभाग को ऐसी क्या जल्दी थी जो भर्ती के लिए निर्वाचन आयोग से स्वीकृति लेनी पड़ी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष अंकित पचौरी का कहना है यदि भर्ती अत्यंत अनिवार्य है तो विभाग संविदा भर्ती कर लेता, आचार संहिता के समाप्त होने के बाद भर्ती प्रक्रिया करने में क्या परेशानी थी।
भर्ती रोकने की मांग
विधि विपरीत हो रही चिकित्सा महाविद्यालयों में अधिष्टता अधीक्षक की भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए निर्वाचन आयोग सहित सम्बंधित को पत्र भेजा है, संगठन ने प्रशासन से मांग की है कि हो रही नियमविरुद्ध भर्तियों को शीघ्र ही रोक दिया जाए।