आगर मालवा। कांग्रेस से बगावत करके सपाक्स, करणी सेना और परशुराम सेना के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने उतरे मधु गहलोत अब दलबदलू हो गए हैं। उन्होंने इंदौर में पीएम नरेंद्र मोदी के सामने भाजपा की सदस्यता ले ली एवं भाजपा प्रत्याशी को समर्थन दे दिया। इसके साथ ही यहां आरक्षण विरोधी आंदोलन को बड़ा झटका लग गया।
टिकट वितरण के बाद आगर विधानसभा से मधु गहलोत ने भी कांग्रेस से बगावत कर दी थी। गहलोत ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरा और नगर में सैकड़ों समर्थकों के साथ जनसम्पर्क रैली भी निकाली थी। सपाक्स, श्री राजपूत करणी सेना और परशुराम सेना ने भी मधु गहलोत को अपना समर्थन देने का एलान कर दिया था। इसके चलते सीट पर त्रिकोणीय संघर्ष की स्थिति बन गई थी। कांग्रेस ने गहलोत को मनाने की औपचारिक कोशिश तो की परंतु परिणामदायक कदम नहीं उठा पाई। कांग्रेस शासन संतुष्ट थी कि उनका बागी नेता भाजपा को नुक्सान पहुंचाएगा लेकिन अब उल्आ हो गया।
यहां कांग्रेस ने एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े को मैदान में उतारा है। यह वानखेड़े का पहला विधानसभा चुनाव है। इसके बाद गहलोत ने कांग्रेस से बगावत कर दी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया, पार्टी ने उन्हें छह साल के निष्कासित भी कर दिया। नामांकन वापसी के दिन भी गहलोत ने नाम वापस नहीं लिया था। उनके मैदान में डटे रहने से कांग्रेस से ज्यादा नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता था| क्योंकि सपाक्स, करनी सेना समेत कई संगठन उनके समर्थन में आ गए थे और इनके वोट गहलोत को मिलते जो अब तक भाजपा को मिलते थे।