ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल में भारतीय जनता पार्टी की हालत खराब हो गई है। पार्टी को फीडबैक मिला है कि यहां की 34 सीटों पर भाजपा को भारी नुक्सान हो सकता है। फीडबैक इतना तगड़ा था कि नेताओं के हाथ पांव फूल गए। ग्वालियर में भाजपा की आपात बैठक बुलाई गई। समस्याओं को समझने की कोशिश की जा रही है। रूठों को मनाने के लिए हर संभव चाल चली जा रही है।
रविवार शाम को राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने ग्वालियर पहुंचकर देर रात तक अगल-अलग बैठकें लेकर न सिर्फ प्रत्याशियों के संबंध में फीडबैक लिया, बल्कि नाराज होकर घर बैठे और पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं से बंद कमरे में एक-एक कर मुलाकात की।केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर ने भी रात में ग्वालियर पहुंचकर टिकट वितरण से असंतुष्ट नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों से चुनावी रणनीति पर चर्चा की।
रामलाल अचानक विशेष विमान से उज्जैन से ग्वालियर पहुंचे। उन्होंने आनन-फानन में ग्वालियर-चंबल संभाग की 34 विधानसभा सीटों पर काम कर रहे विस्तारक और प्रवासी कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई। यह भी जानने का प्रयास किया कि किन वर्गाें में अभी तक पार्टी की पहुंच नहीं बन पाई है। ऐसे वर्गों से जुड़ने के लिए पार्टी को किस तरह से और क्या प्रयास करना चाहिए? बैठक में वेद प्रकाश शर्मा आैर राजेश सोलंकी भी थे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आैर संभागीय संगठन मंत्री शैलेंद्र बरूआ बैठक के अंतिम चरण में पहुंचे।
ग्वालियर-चंबल में 10 सीटों के नुक्सान की खबर
अंचल की 34 विधानसभा सीटाें में से 22 पर भाजपा का कब्जा है। 10 सीटें कांग्रेस और 2 बसपा के खाते में हैं। लेकिन ऐन चुनाव से पहले पार्टी के फीडबैक में ये संख्या 10 से 12 सीटों पर सिमटने की आशंका जताई गई है। एेसे में पार्टी नेतृत्व चुनाव से पहले किसी भी प्रकार की कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता। खासतौर से जहां अपनी ही पार्टी के नेता या कार्यकर्ताओं के कारण प्रत्याशी को नुकसान पहुंचे।
पहले निष्कासित किया, फिर मनाया और वापसी कराई
पार्टी नेतृत्व की मौजूदगी में पार्षद जगतसिंह कौरव, मंजू राजपूत और पूर्व पार्षद डा. अंजलि रायजादा की वापसी कराई गई। इन्हें नगरीय निकाय चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ने के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया था। इनके साथ ही अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची तैयार कराई जा रही है, जिनकी जल्द वापसी कराई जाएगी।
नाराज नेताओं से सीधी डील शुरू
राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल ने अटेर से दावेदारी कर रहे मुन्ना सिंह भदौरिया और सेंवढा से दावेदारी करने वाले प्रदीप अग्रवाल से मुलाकात कर उनकी नाराजगी दूर की और पार्टी के लिए काम करने को कहा। अंचल में ऐसे सभी असंतुष्ट कार्यकर्ताओं से संगठन के पदाधिकारी चर्चा उनकी नाराजगी दूर करेंगे, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर या तो घर बैठे हैं या फिर पार्टी प्रत्याशी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पहली खेप में डबरा से टिकट न मिलने से नाराज हरीश मेवाफरोश और विवेक तोमर से भी मुलाकात कर उन्हें समझाइश दी। प्रदीप अग्रवाल ने यहां तक कह दिया कि मेरा टिकट काटना ही था तो पहले मुझे विश्वास में लेना था। बाहर से आए व्यक्ति को टिकट देकर पार्टी ने गलत संदेश दिया है।
शिवराज सिंह का इंतजार होता रहा, सीएम नहीं आए
बैठक के बाद राष्ट्रीय महामंत्री रामलाल ने जहां नाराज नेताआें से बात की। वहीं उसके बाद वे भोजन करने चले गए। भोजन समाप्त होने से पहले केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर उनसे मिलने पहुंचे। इसके बाद श्री रामलाल विमानतल के लिए रवाना हुए तो संभागीय संगठन मंत्री शैलेंद्र बरूआ उनके साथ गए। उधर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ प्रदेश महामंत्री संगठन सुहास भगत एक अन्य होटल में थे। चर्चा रही कि सीएम शिवराज सिंह चौहान भी वहां पहुंचने वाले हैं। लेकिन वो नहीं आए।