मध्यप्रदेश में अब तक कोई नेता चौथी बार सीएम नहीं बन पाया | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। लोकतंत्र में जिस जनता को जनार्दन कहा गया है, उसने मध्‍यप्रदेश में सत्ता की कुर्सी पर किसी भी दल के एक ही नेता को चार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का अवसर प्रदान नहीं किया है। इस बार यदि भाजपा को जनता ने बहुमत दिया तो शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ऐसे पहले नेता होंगे, जो चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रचेंगे। सन 1956 से अभी तक जनता ने कांग्रेस के 21 नेताओं को सीएम बनाया। जिसमें श्यामाचरण शुक्ल और अर्जुन सिंह ने सर्वाधिक तीन-तीन बार यह पद संभाला।

मध्‍यप्रदेश में 15वीं विधानसभा के चुनाव की शुरुआत हुई तो यह चर्चाएं भी प्रबल हुई कि, इस बार आखिर किस दल के नेता को जनता मुख्यमंत्री के रूप में चुनती है। वर्ष 1956 से अभी तक की अवधि पर गौर करें तो सबसे ज्यादा शासन कांग्रेस ने ही किया है। कांग्रेस में कई नेताओं ने मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए तीन-तीन पारियां खेली हैं, लेकिन सत्ता सिंहासन पर चौथी बार कोई नहीं बैठ पाया है।

प्रदेश की जनता ने पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रविशंकर शुक्ल को बैठाया था।
इसके बाद श्यामाचरण शुक्ल ने मध्‍यप्रदेश की सत्ता तीन बार संभाली।
अर्जुन सिंह ने भी अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल की तीन पारियां खेली हैं।
छह नेताओं ने संभाली दो-दो बार कुर्सी

प्रदेश में कांग्रेस के ही छह नेता ऐसे भी रहे, जो दो-दो बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे। कैलाशनाथ काटजू एवं द्वारका प्रसाद मिश्र को प्रदेश की सत्ता संभालने का मौका दो बार मिला। काटजू 31 जनवरी 1957 से 14 मार्च 1957 तक प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री रहे। 14 मार्च 1957 से 11 मार्च 1962 तक उन्होंने दूसरी बार सत्ता संभाली। इसी प्रकार द्वारका प्रसाद मिश्र 1963 से 1967 तक की अवधि में दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। प्रकाशचंद्र सेठी 1972 से 1977 तक दो बार प्रदेश के मुख्मयंत्री रहे। मोतीलाल वोरा एवं दिग्विजय सिंह को भी जनता ने दो बार सत्ता की चाबी सौंपी। 1956 से अभी तक प्रदेश में तीन बार राष्ट्रपति शासन भी लागू हो चुका है।

भाजपा में सिर्फ शिवराज तीसरे CM
मध्‍यप्रदेश में भाजपा जैसी पार्टी में सिर्फ शिवराज सिंह चौहान ही हैं, जिन्हें तीन बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ है। 1980 से 1993 तक की अवधि में पहले जनता पार्टी और फिर भाजपा से सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री रहे। आठ दिसम्बर 2003 से 23 अगस्त 2004 तक उमा भारती प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं, जबकि 23 अगस्त 2004 से 29 नवंबर 2005 तक बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया गया।

शिवराज सिंह संभाल रहे सत्ता 
इसके बाद से शिवराज सिंह चौहान ही सत्ता संभाल रहे हैं। अब यदि इस बार पार्टी बहुमत में आती है तो शिवराज सिंह चौहान किसी भी दल के पहले ऐसे नेता होंगे, जिन्हें मध्‍यप्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही आज हम आपको मध्‍यप्रदेश में अभी तक मुख्‍यमंत्री पद पर रह चुके मंत्रियों के नामों की लिस्‍ट बता रहे है जो इस प्रकार है…

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