भोपाल। अधिसूचना जारी होने से पहले कई तरह की सर्वे रिपोर्ट आ रहीं थीं। ज्यादातर में शिवराज सिंह को नुक्सान बताया जा रहा था। इसके बाद विधानसभा सीटों पर सर्वे शुरू हुए। एक एक विधायक का सर्वे कराया गया। भाजपा और सरकार ने मिलकर 6 से ज्यादा सर्वे कराए। आरएसएस और कार्यकर्ताओं की रायशुमारी अलग। सबने अपने अपने हिसाब से टिकट के दावेदार और पैनल दिए लेकिन शिवराज सिंह ने इस बीच कहा था कि मैं सबसे बड़ा सर्वेयर हूं और वही हुआ। लास्ट मिनट में सारी लिस्ट और सर्वे रिपोर्ट एक तरफ हो गई एवं शिवराज सिंह की लिस्ट पर मोहर लग गई।
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से शिवराज सिंह ने सिर्फ आधे घंटे के लिए एकांत में मुलाकात की। इस 30 मिनट के दौरान शिवराज सिंह ने अपने विरोधियों की सारी रणनीतियों पर पानी फेर दिया। इसके बाद वही सबकुछ हुआ जो शिवराज सिंह चाहते थे। एक बार फिर शिवराज सिंह की राजनीति भाजपा में उनके विरोधियों पर भारी पड़ी। चंबल-ग्वालियर के टिकटों पर नरेंद्र सिंह तोमर ने अपनी राय दी। सूची जारी हुई तो उसमें सीएम के सर्वे को आधार बनाया गया। विजयपुर सीट से सीताराम आदिवासी, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिंह सिकरवार और करैरा से ओमप्रकाश खटीक की जगह राजकुमार खटीक दिया गया जबकि नरेंद्र सिंह तोमर ने दूसरे नाम आगे बढ़ाए थे।
शिवराज सिंह ने तीन विधायकों की सीटें बदलकर बचाया
सूची में एक मंत्री सहित तीन विधायक ऐसे हैं जिनकी सीट बदली गई है। मंत्री ललिता यादव को छतरपुर के बजाय मलहरा से, अशोकनगर से विधायक गोपीलाल जाटव को गुना और जैतपुर से विधायक जयसिंह मरावी को जयसिंह नगर से प्रत्याशी बनाया गया है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार ये तीनों ही अपनी अपनी सीट से हारने वाले थे।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com