भोपाल। जनता यदि संगठित हो जाए तो क्या सरकार और क्या नौकरशाह सबके होश उड़ जाते हैं। इस घटना ने एक बार फिर प्रमाणित किया कि संगठित जनता ही इस देश की भगवान है। जिस सड़क को बनवाने के लिए 5 साल से मिन्नतें कर रहे थे, कोई सुनवाई नहीं हो रही थी उसका काम 5 घंटे पूरे होने से पहले ही शुरू हो गया। ग्रामीणों ने एकजुट होकर मतदान का बहिष्कार कर दिया था।
मध्यप्रदेश के आगर मालवा जिले की सुसनेर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रूपारेल के मतदान केंद क्रमांक 171 के ग्रामीणों ने भी मतदान का बहिष्कार का ऐलान किया। जब यह जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची तो ग्रामीणों को मनाने के लिए दल भेजा गया। ग्रामीणों ने सीधी शर्त रखी कि सड़क डलेगी तो वोट डलेंगे, सड़क नहीं तो वोट भी नहीं। बस फिर क्या था। जिला पंचायत सीईओ तथा प्रशासनिक अधिकारियों ने घुटने टेके और 2 बजे के करीब सड़क डालने का काम शुरू हो गया।
रोड का काम शुरू होने पर ही ग्रामीणों ने भी मतदान शुरू किया। मतदान शुरू होने के बाद केंद्र पर लंबी-लंबी लाइनें लग गईं और 4:30 बजे तक लगभग 70 प्रतिशत तक लोगों ने मतदान कर दिया। 70 मकानों की आबादी वाले इस ग्राम में 450 के लगभग आबादी है और 283 मददाता हैं। मतदाताओं में पुरुषों की संख्या 147 और महिला मतदाताओं की संख्या 136 हैं। पिलियाखाल बांध परियोजना के अंतर्गत उक्त ग्राम डूब में आने से इस ग्राम रूपारेल को यहां स्थापित किया गया था। तब से अभी तक इस ग्राम में रोड का निर्माण नहीं हुआ। पिछले विधानसभा चुनाव 2013 के समय भी अधिकारियों की समझाइश के बाद ग्रामीणों ने मतदान में भाग लिया था, पर अब तक इस चुनाव में रोड निर्माण न होने से ग्रामवासियों ने मतदान का बहिष्कार किया था।