भोपाल। फरार अपराधी, वारंटी और बदमाश देश भर की पुलिस के लिए सिरदर्द होते हैं। उन्हे पकड़ने पुलिस हर संभव छापामारी करती है परंतु वो पुलिस के पैटर्न से बाकिफ होते हैं इसलिए आसानी से उनके हाथ नहीं आते परंतु भोपाल पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक ऐसी ट्रिक करके बताई जो देश भर की पुलिस के काम आ सकती है।
राजधानी के सबसे बड़े स्थायी वारंटी को दस साल बाद क्राइम ब्रांच ने दबोच ही लिया। निर्मल एस्टेट और निर्मल नगर बनाने वाले धर्मेंद्र कुमार जैन के खिलाफ अलग-अलग थानों में 100 स्थायी वारंट लंबित हैं। हर बार पुलिस के हाथ से फिसल जाने वाले जैन को क्राइम ब्रांच की टीम ने इलाहाबाद से पकड़ा।
क्या ट्रिक यूज की पुलिस ने
एसपी साउथ राहुल लोढा के मुताबिक इससे पहले हुई हर दबिश में वह किसी न किसी तरीके से फरार हो जाता था। पुलिस को पता चला कि इन दिनों वह नोएडा में रहता है, लेकिन परिवार को इलाहाबाद में रखा है। क्राइम ब्रांच के एएसआई कमलेंद्र चौबे को टीम के साथ भेजा गया। टीम यहां से जानकारियां जुटाकर लौट आई। इसके बाद इलाहाबाद पुलिस की मदद से बेटे के स्कूल से मैसेज करवाया गया कि बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, इसलिए माता-पिता दोनों को टीचर-पैरेंट्स मीटिंग (पीटीएम) में आना जरूरी है। मैसेज जैन तक पहुंचा और वह इलाहाबाद आ गया। 24 नवंबर को पुलिस को पता चला कि जैन अपने घर आया है और रात में वापस लौटने की बात कर रहा है। इसी बीच पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से उसे पकड़ लिया।