इंदौर। इंदौर के भाई यानी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी की नीति और संस्कारों को किनारे कर ऐसी रणनीति बनाई है कि एक तरफ उनकी मंशापूर्ण हो जाए और दूसरी तरफ ताई की प्रतिष्ठा भी तार तार हो जाए।
अपने बेटे को मखमली सीट यानी क्या
कैलाश विजयवर्गीय ने अपने बेटे आकाश विजयवर्गीय के लिए इंदौर 2 को खाली करा लिया है। कैलाश की कृपा से विधायक बने रमेश मेंदोला ने आकाश के चरणों में सीट समर्पित करने का ऐलान कर दिया है। यह सीट कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ मानी जाती है। रमेश मेंदोला यहां से 1 लाख वोटों से जीते थे। यदि यहां से आकाश विजयवर्गीय को चुनाव लड़ाया जाता है तो जीतने के लिए कुछ खास परिश्रम नहीं करना होगा। एक तरह से आकाश को यह सीट उपहार स्वरूप मिल जाएगी।
ताई का बेटे को कांटों का ताज यानी क्या
कैलाश विजयवर्गीय ने केवल अपने बेटे को आसानी से विधायक बनाने की तैयारी नहीं की है बल्कि ताई यानी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के बेटे मंदार महाजन के सिर पर कांटों का ताज सजाने की साजिश भी रच डाली है। वो रमेश मेंदोला के लिए इंदौर 3 से टिकट मांग रहे हैं। यह सीट ताई के प्रभाव वाली सीट है। ताई चाहतीं हैं कि उनका बेटा यहां से चुनाव लड़े ताकि उसे भी आसानी से जिताया जा सके।
पार्टी गई तेल लेने
यहां हालात 'पाई गई तेल लेने' वाली ही हो गई है। भाई और ताई अपनी अपनी सीटों को अपनी जागीर समझ रहे हैं और अपने बेटों को गिफ्ट करना चाहते हैं। शुचिता, संस्कार और ना जाने कितने वजनदार शब्दों का उपयोग करने वाली भाजपा दोनों के सामने नतमस्तक है। हालात यह हैं कि भाई और ताई के कारण पूरे इंदौर से टिकट अटके हुए हैं।
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