इंदौर। खुद को खाद्य निरीक्षक बता रहे एक अधेड़ को लोकायुक्त पुलिस ने मंगलवार को भोजनालय संचालक से सात हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। पड़ताल में पता चला कि आरोपित तीसरी कक्षा तक पढ़ा है और केवल हस्ताक्षर कर पाता है।
लोकायुक्त एसपी दिलीप सोनी ने बताया कि आरोपित मोहन सिंह निवासी भमोरी है। जूनी इंदौर ब्रिज के पास स्थित श्री लक्ष्मी भोजनालय के मालिक घनश्याम उपाध्याय ने सोमवार को शिकायत की थी कि एक खाद्य अधिकारी उसके यहां आकर सालभर की रिपोर्ट बनाकर देने के एवज में 30 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। कार्रवाई करने वाली टीम के डीएसपी प्रवीणसिंह बघेल के मुताबिक सोमवार शाम आरोपित को उपाध्याय ने दुकान पर बुलवाया और कहा कि 30 हजार रुपए नहीं दे सकेगा। इस पर आरोपित ने सात हजार रुपए देने को कहा। मंगलवार दोपहर वह भोजनालय पहुंचा। उसने रुपए लेकर अपनी जेब में रखे और टीम ने पकड़ लिया। बघेल के मुताबिक आरोपित को जैसे ही पकड़ा, उसने बताया कि वह इंस्पेक्टर नहीं है, बल्कि वह तो यहां आटा और गेहूं सप्लाई करने आया है। टीम ने फरियादी उपाध्याय के पास रिकॉर्डिंग होने की बात कही तो उसने कबूल लिया कि वह नकली खाद्य अधिकारी बनकर वसूली करता है।
DSP ने बताया कि आरोपित पढ़ने-लिखने में अक्षम है लेकिन खाद्य अधिकारी की तरह रहता था। उसके पास से एक स्कूटर भी जब्त किया गया। जूनी इंदौर थाने लाकर की गई पूछताछ में उसने बताया कि वह पहले एक खाद्य निरीक्षक के यहां काम करता था। उन्हें देखकर यह सीख गया। डीएसपी के मुताबिक शक है कि आरोपित ने खाद्य निरीक्षक का एवजी बनकर काम किया है, इसलिए उसे खाद्य विभाग की कार्रवाई की इतनी जानकारी है। उसने कितनी वारदातें की हैं, इसकी जांच की जा रही है। उसे अभी जेल भेज दिया गया है।