भोपाल। कांग्रेस ने सरकारी नौकरियों के लिए निष्पक्ष भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने हेतु गठित किए गए प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड को बंद करने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा जारी वचनपत्र में कहा गया है कि यदि मप्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो व्यापमं को बंद कर दिया जाएगा। इसके बदले सरकारी सेवाओं में चयन के लिए नई व्यवस्था बनाई जाएगी।
कांग्रेस के आज जारी वचनपत्र में कहा गया है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर प्रदेश में शासकीय, सार्वजनिक उपक्रम एवं निकायों के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती के लिए राज्य कर्मचारी चयन आयोग का गठन होगा। सभी विभागों में गैर-राजपत्रित तृतीय श्रेणी के पद संभागीय संवर्ग एवं चतुर्थ श्रेणी के पद जिला संवर्ग में मानते हुए उनकी भर्ती जिला स्तर पर की जायेगी। कांग्रेस ने वर्ष 2008 से 2018 तक आयोजित व्यापमं, पीएमटी, डीमेट एवं अन्य परीक्षाओं से प्रभावित प्रदेश के मूल निवासी अभ्यर्थियों द्वारा जमा शुल्क वापस करने की भी बात कही है। पार्टी ने शासकीय सेवाओं में प्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता देने का भी जिक्र किया है।
शिवराज सिंह सरकार ने भी बदला था नाम
दरअसल, यह भी एक संस्थान का नाम बदलने की प्रक्रिया ही है। इससे पहले शिवराज सिंह ने भी नाम बदल दिया था। दुनिया भर में चर्चित हुए व्यापमं घोटाले के बाद सरकार ने व्यवसायिक परीक्षा मंडल, भोपाल का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया है। अब कांग्रेस ने इसका नाम बदलकर राज्य कर्मचारी चयन आयोग करने का ऐलान कर दिया है।
समस्या नाम नहीं भ्रष्टाचार है
यहां बता दें कि समस्या संस्था का नाम नहीं बल्कि भ्रष्टाचार है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में यह कतई नहीं बताया कि सरकारी सेवाओं के लिए आयोजित होने वाली परीक्षाओं में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए वो कौन सा फार्मूला अपनाएगी। यहां याद दिला दें कि भारत के कई राज्यों में राज्य कर्मचारी चयन आयोग के नाम वाली संस्था ही भर्ती परीक्षाएं आयोजित करती है और वहां भी भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं।
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