नई दिल्ली। भाजपा में आरक्षित जातियों के नेताओं ने एससी एसटी एक्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने वाले अध्यादेश पारित कराने के बाद नई मांग उठाना शुरू कर दिया है। बहराइच से सांसद सावित्री बाई का कहना है कि अयोध्या भगवान बुद्ध की भूमि है। यहां राम नहीं बुद्ध की विशाल प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए। अब देखना यह है कि वोटबैंक की खातिर सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने वाली नरेंद्र मोदी सरकार इस मामले में क्या करती है।
बता दें कि दीपावली के अवसर पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरयू नदी के किनारे भगवान राम की एक विशाल प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की है। सांसद ने कहा कि अयोध्या बुद्ध की कर्मस्थली है, इसलिए वहां बुद्ध की प्रतिमा स्थापित होनी चाहिए। सावित्री बाई फुले ने विवादित स्थल में हुई खुदाई के दौरान निकले अवशेषों का जिक्र करते हुए कहा कि वह अवशेष बुद्ध से जुड़े हुए थे।
बीजेपी सरकार और उसके मंत्रियों द्वारा विधेयक लाकर मंदिर निर्माण करने वाले बयानों से जुड़े एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि भारत का संविधान सभी धर्मों का सम्मान करता है। इसीलिए भारत को धर्मनिरपेक्ष राज्य का दर्जा दिया गया है।
उन्होंने बीजेपी सरकार और इसके मंत्रियों द्वारा की जा रही इस तरह की बयानबाजी को असंवैधानिक करार दिया। साथ ही उन्हें संविधान के मुताबिक आचरण करने की सलाह दी।
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