नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने राफेल डील से जुड़े दस्तावेज याचिकाकर्ताओं को सौंप दिए। दस्तावेजों में कहा गया है कि सरकार ने राफेल डील 2013 में तय की गई रक्षा खरीद प्रक्रियाओं के तहत की है।
फ्रांस के साथ एक साल तक चली बातचीत
सरकार ने दस्तावेजों में कहा, "राफेल डील की रक्षा खरीद परिषद से मंजूरी ली गई गई थी। डील को लेकर फ्रांस सरकार के साथ 1 साल तक बातचीत चली। डील से पहले संसद की सुरक्षा समिति से भी इसकी मंजूरी ली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान सरकार से 36 विमानों की कीमत और फैसला लेने की जानकारी मांगी थी। साथ ही याचिकाकर्ताओं के साथ भारतीय आॅफसेट पार्टनर चुनने से जुड़ी जानकारी भी साझा करने को कहा था।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने कहा कि राफेल विमान की कीमत का मामला एक्सक्लूसिव है और कुछ दस्तावेज ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत आते हैं। उसके विवरण कोर्ट से साझा नहीं किए जा सकते। इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अगर ऐसा है तो आप कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताएं कि जानकारी साझा क्यों नहीं की जा सकती?