नई दिल्ली। खबर उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ से आ रही है। यहां एक कार्यक्रम में गए रेल मंत्री पीयूष गोयल को कर्मचारियों ने घेर लिया। भड़के कर्मचारियों ने भरे कार्यक्रम में रेल मंत्री के साथ धक्का-मुक्की भी की गई। हालात यह बने कि रेल मंत्री कर्मचारियों के बीच से बचकर भागे। कर्मचारियों ने रेल मंत्री के खिलाफ नारेबाजी की।
दरअसल, रेल मंत्री पीयूष गोयल यहां रेलवे स्टेडियम में अधिवेशन में शामिल होने आए थे, लेकिन उनके भाषण के बाद कर्मचारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। अधिवेशन में संबोधन के दौरान पीयूष गोयल ने कहा कि यूनियन लोगों को बहका रही है। यह युवाओं को गलत राह पर ले जा रही है। गोयल के इस बयान के बाद वहां हंगामा शुरू हो गया।
रेल कर्मचारी पहले से नाराज
नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन के अध्यक्ष शिव गोपाल मिश्र का कहना है कि कर्मचारी रेल मंत्री से पहले से ही इस बात से नाराज़ हैं कि न्यू पेंशन स्कीम के तहत उनकी पेंशन का एक हिस्सा उनकी इजाज़त के बग़ैर काट लिया जा रहा है और उन्हें यह नहीं बताया जा रहा कि ये पैसा कहां लगाया जा रहा है। रेल मंत्रालय के अनुसार ये पैसा बाजार में इनवेस्ट किया जा रहा है जिसका फायदा बाद में कर्मचारियों को दिया जाएगा, लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं हैं।
मेन्स यूनियन अधिवेशन की बातें
रेल कर्मियों के संगठन नॉर्दन रेलवे मेन्स यूनियन का वार्षिक अधिवेशन 15 अक्टूबर से लखनऊ में शुरू हो चुका है। जबकि 17 नवम्बर को इसका समापन है। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन में वृद्धि, वेतन निर्धारण फॉर्मूले में सुधार एवं पुरानी पेंशन स्कीम को लेकर प्रमुख रूप से चर्चा की गई। इन मांगों को लेकर दिसम्बर महीने में वर्क टू रूल नियमों के प्रति कर्मियों को जागरूक करने की रणनीति पर भी चर्चा की गई।
रेल कर्मियों की प्रमुख मांगें
रनिंग स्टाफ को रनिंग एलाउंस व अन्य भत्ते 7 वें वेतन आयोग के तहत दिए जाएं
रेलवे गार्ड के पदनाम में जल्द से जल्द परिवर्तन किया जाए
अब तक के भत्तों का एरियर जल्द से जल्द दिया जाए
वर्क टू रूल की तैयारी
अधिवेशन में बड़ी संख्या में रेल कर्मी पहुंचे हैं। साथ ही इस कार्यक्रम में रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी आमंत्रित किया गया था। इस मौके पर उनके सामने भी रेल कर्मियों की ओर से 7वें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने, न्यूनतम वेतन में वृद्धि व पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने की मांगों को प्रमुखता से रखा गया। यदि सरकार जल्द इस निर्णय नहीं लेती है तो दिसम्बर से वर्क टू रेल नियमों के तहत काम करने की तैयारी के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया।