भोपाल। कांग्रेस ने सीहोर जिले की आष्टा विधानसभा सीट से गोपाल सिंह इंजीनियर तीसरी बार प्रत्याशी घोषित कर दिया है। गोपाल सिंह लगातार 2 बार चुनाव हार चुके हैं। इस बार उनका दावा है कि वो जीतकर दिखाएंगे परंतु आरक्षित जातियों के नेता घनश्याम जांगडा ने उनके विरोध में ताल ठोक दी है। जांगड़ा का कहना है कि यदि इस बार पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बदला तो वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। बताया जाता है कि गोपाल सिंह अपने नेता सज्जन वर्मा के माध्यम से कमलनाथ के कृपापात्र हैं। तीसरी बार टिकट भी कमलनाथ ने ही दिलाया है।
आष्टा पर 33 साल से है कांग्रेस का कब्जा
मध्य प्रदेश की आष्टा विधानसभा सीट सीहोर जिले में आती है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। यहां पर करीब 2 लाख 47 हजार मतदाता हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में 360 गांव शामिल हैं। यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। पिछले 6 चुनावों में इस सीट पर बीजेपी ने ही जीत हासिल की है। कांग्रेस को आखिरी बार इस सीट पर 1985 में जीत मिली थी।वर्तमान में भाजपा नेता रणजीत सिंह गुणवान यहां के विधायक हैं। 2013 के चुनाव में रणजीत सिंह गुणवान ने कांग्रेस के गोपाल सिंह इंजीनियर को 5 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
रणजीत सिंह को जहां 84252 वोट मिले थे तो वहीं गोपाल सिंह इंजीनियर को 78748 वोट मिले थे। 2008 के चुनाव में भी रणजीत सिंह गुणवान को जीत मिली थी। उन्होंने 16 हजार से ज्यादा वोटों से कांग्रेस के गोपाल सिंह इंजीनियर को हराया था। हार का अंतर कम हुआ है अत: इस बार गोपाल सिंह को पूरा भरोसा है कि वो रणजीत सिंह को हरा पाएंगे और 33 साल बाद आष्टा को कांग्रेस के खाते में दर्ज करा लेंगे।
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