भोपाल। मध्यप्रदेश में गुटबाजी के लिए बदनाम कांग्रेस में कमलनाथ ने दावा किया था कि वो गुटबाजी को खत्म कर देंगे लेकिन अब कमलनाथ ना केवल खुद का गुट बड़ा करने में लगे हैं बल्कि कांग्रेस ने उन सभी नेताओं को लाइनअटैच भी करते जा रहे हैं जिनका तेजी से कद बढ़ रहा है। इस लिस्ट में विवेक तन्खा एक बड़ा नाम है। पिछले 1 साल में विवेक तन्खा के प्रशंसकों में तेजी से इजाफा हुआ है। बेदाग छवि के विवेक तन्खा को हर कोई पसंद कर रहा है। खासकर युवाओं की एक बड़ी और नई फौज विवेक तन्खा के साथ है। शायद कमलनाथ को यह रास नहीं आया और उन्होंने अपने ही नजदीकी विवेक तन्खा की पॉवर कट कर दी। अब तन्खा कांग्रेस के सीन और चुनाव की स्क्रीन से गायब हैं।
मप्र कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और देश के जाने-माने वकील विवेक तन्खा ने मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की काफी सारी जिम्मेदारियां ले लीं थीं। वो काफी तेजी से ना केवल सक्रिय हुए थे बल्कि एक नई टीम बनाकर उसे काम पर भी लगा दिया था। तन्खा की टीम में तन्खा की ही तरफ योग्य और उच्च शिक्षित युवा हैं लेकिन कमलनाथ को यह तन्खा का बढ़ता हुआ कद रास नहीं आया।
जबलपुर उत्तर सीट से विवेक तन्खा ने अपने समर्थक विश्वमोहन को टिकट का वादा किया था। इससे पहले उन्होंने कमलनाथ को विश्वास में ले लिया था लेकिन जब लिस्ट जारी हुई तो अजय सिंह समर्थक विवेक सक्सेना का नाम था। कहने की जरूरत नहीं कि कमलनाथ की मर्जी के बिना विवेक सक्सेना का नाम लिस्ट में शामिल नहीं हो सकता था।
कांग्रेस का वचनपत्र तैयार करने वाली कमेटी में तन्खा को उपसंयोजक बनाया गया था लेकिन अंतिम समय में उनकी पूछपरख ही बंद कर दी गई। वचनपत्र की पूरी प्रचार सामग्री से विवेक तन्खा का चित्र हटा दिया गया। यहां तक कि वचनपत्र जारी करते समय भी विवेक तन्खा को आमंत्रित नहीं किया गया।
सूत्रों का कहना है कि तीन दिन पहले विवेक तन्खा को कमलनाथ ने भोपाल बुलाया था। कमलनाथ चाहते थे कि विवेक तन्खा सीएम शिवराज सिंह को बुधनी से अयोग्य घोषित करवाने के लिए हाईकोर्ट में एक याचिका लगाएं। कमलनाथ से मिलकर तन्खा बुदनी गए। अरुण यादव के समर्थन में वकीलों की बैठक की इसके बाद वो मुंबई चले गए। अब तक याचिका नहीं लगी है। माना जा रहा है कि कमलनाथ, विवेक तन्खा को यूज करने की कोशिश कर रहे हैं और अब तन्खा इसके लिए तैयार नहीं हैं।