नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ने 10 केन्द्रीय एजेंसियों को देश के किसी भी कम्प्यूटर की जासूसी करने का अधिकार दे दिया है। आपके खिलाफ शिकायत हो या ना हो, ये ऐजेंसिया आपके कम्प्यूटर की कभी भी जांच कर सकतीं हैं। यदि आपने इन्हे रोकने की कोशिश की तो आपके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली जाएगी। आदेश केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने जारी किए हैं।
गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक देश की ये सुरक्षा एजेंसियां किसी भी व्यक्ति के कंप्यूटर में जेनरेट, ट्रांसमिट, रिसीव और स्टोर किए गए किसी दस्तावेज को देख सकतीं है। गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स, डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस, सीबीआई, एनआईए, कैबिनेट सेक्रेटेरिएट (रॉ), डायरेक्टरेट ऑफ सिग्नल इंटेलिजेंस और दिल्ली के कमिश्नर ऑफ पुलिस को देश में चलने वाले सभी कंप्यूटर की जासूसी की मंजूरी दी गई है।
इसका क्या असर होगा
अब देश भर में इसकी समीक्षा शुरू हो गई है कि इस आदेश का क्या असर होगा। ऐजेंसियों को इस तरह की आजादी देने से क्या देश को फायदा होगा या फिर लोगों की परेशानी बढ़ जाएगी। अब तक बिना शिकायत के आपके कम्प्यूटर की जांच का अधिकार किसी भी ऐजेंसी को नहीं था। इसके लिए सरकारी प्रक्रिया पूरी करके कम्प्यूटर की जब्ती या जांच की जाती थी। व्यक्ति को पता होता था कि उसका कम्प्यूटर किस उद्देश्य से जांच के लिए लिया गया है।