भोपाल। राजधानी के कोलार थाना क्षेत्र में हुई 12वीं के छात्र भव्य बागड़े की रहस्यमयी मौत के मामले में नया खुलासा हुआ है। उसकी शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आ गई है। इसमें बताया गया है कि उसकी मौत सेक्सुअल एस्फेक्सिएशन के कारण हुई थी। यह एक एक्सिडेंटल सुसाइड था, जिसे ऑटो इरोटिक एस्फेक्सिएशन कहा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इंटरनेट का दुष्प्रभाव है। इसके कारण मौतों की संख्या बढ़ रही है। भोपाल में इस तरह का दूसरा मामला सामने आया है।
गुरुवार को हुई 12वीं के छात्र भव्य बागड़े की रहस्यमयी मौत ने सबको आश्चर्यचकित कर दिया था क्योंकि भव्य बागड़े नाम के छात्र का शव उसके घर में मिला था। भव्य के पैर दुपट्टे से बंधे हुए थे और मुंह पर पॉलिथीन बंधी हुई थी। मृतक के गले में दुपट्टे से गांठ लगी हुई थी और उसने अपनी बहन के कपड़े पहने हुए थे। छात्र भव्य ने प्राइवेट पार्ट को लाल रिबन से बांधा हुआ था।
शनिवार को आई शॉर्ट पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भव्य की मौत सेक्सुअल एस्फेक्सिएशन के एंजॉय में ऑक्सीजन की कमी से हुई है। पुलिस अभी इस पर कुछ भी कहने से बच रही है। पुलिस अधिकारियो का कहना है कि विस्तृत पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
सेक्सुअल एस्फेक्सिएशन क्या होता है
भव्य की मौत के मामले में मनोचिकित्सक अदिति सक्सेना ने बताया कि सेक्सुअल एस्फेक्सिएशन का मतलब ऑक्सीजन की कमी से है। इस स्थिति में युवा उत्तेजना को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट से प्ररित होकर आज का युवा खुद को उत्तेजित करने के लिए इस तरह के एक्सपेरिमेंट करते हैं।चिकित्सक ने बताया कि ऑटो इरोटिक एस्फेक्सिएशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जहां खुद को पीड़ा पहुंचाकर युवा उत्तेजित होने की कोशिश करते हैं। इस स्थिति में कई बार पैरों और प्राइवेट पार्ट को बांध लेते हैं, साथ ही मुंह पर पॉलिथीन बांध लेते हैं। गले से दिमाग को ऑक्सीजन पहुंचाने वाली नलियों को जोर से दबाया जाता है जिससे दिमाग में कार्बनडाई ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और सेक्स की चरम सीमा पर पहुंचने का अहसास होता है। इस स्थिति में अगर गले की नलियों को ठीक से नहीं दबाया जाता है तो ऑक्सीजन की कमी से मौत भी हो जाती है।