सूर्य देव ने 16 दिसंबर रविवार को धनु राशि में प्रवेश कर लिया है। जब सूर्य, बृहस्पति की राशि धनु या मीन में भ्रमण करते हैं तो उसे मलमास या खर मास कहा जाता है। इस अवधि में विवाह जैसे मांगलिक कार्य करना शास्त्र सम्मत नहीं है।
पं. राजदीप शर्मा के अनुसार 16 दिसंबर से सूर्य देव गुरु की धनु राशि में प्रवेश किया। सूर्य की धनु राशि में उपस्थिति 14 जनवरी शाम तक रहेगी। इस अवधि में नूतन गृह निर्माण, गृह प्रवेश, मुंडन संस्कार, देव प्रतिष्ठा एवं विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन मकर संक्रांति होगी।
पुण्य काल 15 को रहेगा:
मकर संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी को होगा। इस वर्ष की मकर संक्रांति का वाहन सिंह अौर उप वाहन हाथी होगा तथा उसके वस्त्र श्वेत एवं लेपन कस्तूरी का रहेगा। इस वर्ष की मकर संक्रांति पर बनने वाले योग से निर्यातकर्ता, शेयर बाजार, वैश्य, व्यापारीगण खुश रहेंगे। विविध जन कल्याण योजनाएं शासन की ओर से प्रारंभ होंगी। सोना-चांदी, कपास, चावल में तेजी आएगी।
मकर संक्रांति सेे विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। 14 मार्च से होलिका अष्टक प्रारंभ हो जाएंगे। साथ ही मीन राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे। इस दौरान विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
नूतन संवत्सर 6 अप्रैल से प्रारंभ होगा और 14 अप्रैल से मेष राशि में सूर्य के आते ही विवाह जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। 12 जुलाई से देव सो जाएंगे जिसके कारण चार माह तक विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं होंगे।