shaijo mathew | भोपाल समाचार डॉट कॉम आम जनता के लिए अपनी मांगें और सुझावों को रखने का एक खुला मंच है। बड़े दुख के साथ कहना पड़ता है कि जिन शासकीय पेंशनरों ने राज्य के लिए सेवा की उनके साथ मध्य प्रदेश भाजपा के शासनकाल में भेदभाव हुआ। सभी राज्यों में कर्मचारियों के साथ ही पेंशनरों को लाभ दिया जाता है लेकिन मध्य प्रदेश में इसके विपरीत वित्त विभाग ने पेंशनरों की फिटमेंट फैक्टर में कमी करने का फैसला लिया गया।
बुजुर्गों पेंशनरों ने प्रदर्शन किया तब जाकर सरकार झुकने को तैयार हुई लेकिन एरियर देने से साफ मना कर दिया, लेकिन भाजपा का यह भेदभाव चुनाव के समय अपने घोषणा पत्र (दृष्टि पत्र मे भी दिखा। पेंशनरों के लिए पार्टी ने दृष्टि पत्र में कोई घोषणा तक नहीं की जबकि पेंशनर्स संघ ने हर फोरम में अपनी बात रखी थी। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में पेंशनरों को स्थान दिया और सातवें वेतन का एरियर तुरंत देने का वादा किया, क्या भाजपा के लिए साढे चार लाख पेंशनर और उनका परिवार का वोट महत्वपूर्ण नहीं था।
हमने चुनाव में देखा कि भाजपा के कई विधायक 800 से 4000 वोटों के अंतर से हारे हैं क्या यह वोट शासकीय पेंशनरों के नहीं हो सकते शायद नाराज कई पेंशनरों ने या तो कांग्रेस को वोट दिया होगा या नोटा का बटन दबाया होगा। इतना अन्याय सहन करने के बाद कौन पेंशनर भाजपा के साथ खड़ा होगा ? भाजपा के लिए अति आत्मविश्वास भारी पड़ गया। ईश्वर भाजपा को सद्बुद्धि दें। आशा करते हैं कि बुजुर्गों शासकीय पेंशनरों के साथ आगे अन्याय नहीं होगा।