विदिशा। बहुचर्चित फर्जी अंकसूची मामले का मुख्य आरोपी अजय पटेल उर्फ फूलसिंह कुर्मी को शनिवार को सिरोंज थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। चार साल से फरार अजय पटेल पर पुलिस ने दो हजार का इनाम भी घोषित किया था। अजय लटेरी क्षेत्र के गांव बरखेड़ा घोषी की प्राथमिक शाला में संविदा शिक्षक भी है।
शनिवार दोपहर में अजय बासौदा नाका क्षेत्र से भागने का प्रयास कर रहा था तभी पुलिस ने उसे धर दबोचा । सिरोंज टीआई प्रकाश शर्मा ने बताया कि अजय बरखेड़ा घोसी की प्राथमिक शाला में संविदा शिक्षक है। वर्ष 2014 में अजय और उसके साथियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज हुआ था। फरारी के दौरान ही अजय ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी भी लगाई लेकिन उसे कहीं से भी राहत नहीं मिली।
पूछताछ में अजय ने बताया कि उसके साथी राकेश शर्मा और फैजान खान फर्जी अंकसूची बना कर बेचते थे और मैं खरीदने वालों से पैसा जमा करता था। फरारी के दौरान वह विदिशा और आसपास के जिलों में ही घूमता रहा।
आधा दर्जन से अधिक सरकारी TEACHER हो चुके हैं गिरफ्तार:
सिरोंज क्षेत्र में डेढ़ दशक से अधिक समय से चल रहे फर्जी अंकसूची मामले में 2014 में सरकारी शिक्षक राकेश शर्मा, फैजान खान और अजय पटेल के साथ ही प्राइवेट स्कूल के शिक्षक सनव्वर खान के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ था। ये सभी 10वीं और 12वीं की फर्जी अंकसूची बनाकर उन्हें बेचते थे। चार साल में इस मामले में आधा दर्जन सरकारी शिक्षक गिरफ्तार हो चुके हैं। यह मामला वर्ष 2011 में हुई संविदा शिक्षक भर्ती वर्ग 3 और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती में सामने आया था।
फर्जी अंकसूची के सहारे JOB करने वालों पर कार्रवाई नहीं:
नगर के एडवोकेट अशोक शर्मा के लगातार संघर्ष के बाद फर्जी अंकसूची मामले में प्रकरण दर्ज हुआ था। वे जब मामले को लेकर हाईकोर्ट गए तब हाईकोर्ट के निर्देश पर ही पुलिस ने मामला दर्ज किया था। चार साल में अजय मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार ही नहीं कर सकी, यह बड़ा सवाल है।