भोपाल। अध्यापक संघर्ष समिति ने 24 दिसंबर को भोपाल में बैठक बुलाई थी, बैठक के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ से सौजन्य मुलाकात एवं स्वागत किया जाना था। सभी से विचार-विमर्श के बाद बुलाई गई बैठक, आपसी चर्चा में स्थगित करने पर सहमति बनी है।
अध्यापक समिति की ओर से अध्यापक मनोज मराठे ने बताया कि अध्यापक संघर्ष समिति अध्यापकों के हितों को गंभीरता से आगे बढ़ाती आई है। अध्यापकों के व्यापक हित में कांग्रेस पार्टी के वचनपत्र में वह सभी मांगें शामिल कराई हैं, जो अध्यापक आंदोलनों के जरिए सामने आई थीं। वचनपत्र पर अमल कराने के लिए धैर्यपूर्वक आगे बढऩे की जरूरत है।
मुख्यमंत्री महोदय से गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए वातावरण का अनुकूल होना जरूरी है, जो अभी नहीं है क्योंकि अभी मंत्रिमंडल तक का ही गठन नहीं हुआ है, जो कब तक होगा, स्थिति स्पष्ट नहीं है। चूंकि अध्यापक संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री से 24 को मिलने का समय मांगा था, वहां से जबाव में 30 दिसंबर को छिंदवाड़ा में मुलाकात के लिए कहा गया है। इस स्थिति में 24 को भोपाल में बैठक करने का कोई मतलब नहीं है, इसीलिए 24 की बैठक स्थगित कर, जल्द ही अगली बैठक की तारीख तय की जाएगी।
अध्यापक संघर्ष समिति ने प्रदेश के अध्यापकों को यह भरोसा दिलाया था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर अध्यापकों को बेहतर दिलाया जाएगा, संघर्ष समिति इस दिशा में गंभीरता से आगे बढऩा चाहती है, इसीलिए जल्दबाजी के पक्ष में नहीं है।