भोपाल। प्रदेश में अध्यापकों/कर्मचारियों एवं पेंशनरों के लंबित प्रकरण निपटाने की प्रक्रिया चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने से थम गयी थी। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव लाखों कर्मचारियों/अधिकारियों के दिन-रात कठोर परिश्रम, निष्ठा व लगन से निर्विध्न व शांतिपूर्ण संपन्न हुए। प्रशासन को अब इनके लंबित स्वत्व तत्परता से निपटाने चाहिए।
पेंशनरों के सातवें वेतनमान (Seventh pay scale )निर्धारण के प्रकरण प्रदेश के जिला एवं संभागीय कोषालय में लंबित है तो कई साफ्टवेयर की तकनिकी प्रक्रिया में उलझे हुए है। शिक्षकों के लिए आयुक्त लोक शिक्षण संचालनालय भोपाल से जारी नियुक्ति दिनांक से नियमित व तृतीय क्रमोन्न्नत वेतनमान के आदेश लगभग चौदह माह पूर्व जारी हुए थे जिनके शत प्रतिशत पालन में भुगतान होना तो ठीक प्रदेश के कई जिला शिक्षा अधिकारियों ने सभी पात्र शिक्षकों के पृष्ठांकित आदेश ही जारी नहीं किए है। छांट-छांट कर आदेश जारी कर भ्रष्टाचार का मार्ग प्रशस्त किया जा रहा है।
ऐसा ही अध्यापक संवर्ग के मामले में छठे वेतनमान के एरियर की प्रथम किश्त भुगतान को बेवजह वेतननिर्धारण के नाम पर लंबित रखा गया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ प्रदेश के आयुक्त कोषलेखा मप्र भोपाल, समस्त संभागायुक्त एवं कलेक्टर महोदय से मांग करता है कि उक्त मामलों की प्राथमिकता से समीक्षा करवा कर जवाबदेही तय कर समयसीमा में भुगतान सुनिश्चित किया जाए।