भोपाल। न्यायालय की 21वी एमपी, एमएलए स्पेशल कोर्ट में मप्र के पूर्व कृषिमंत्री एवं बालाघाट विधायक गौरीशंकर बिसेन के खिलाफ जमीनी विवाद में धोखाधड़ी के मामले की सुनवाई आज प्रारंभ हो गयी है। अभियोगी पक्ष के अधिवक्ता मो. महबूब अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मामला लंबे समय से बालाघाट जिले के वारासिवनी न्यायालय में लंबित था, जिसके पश्चात माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार मामले को भोपाल जिला न्यायालय स्थित 21वी एमपी,एमएलए विशेष न्यायालय में सुनवाई के लिए स्थानांतरित किया गया है।
आज मामले में प्रथम सुनवाई की तारीख थी, जिसमे अभियोगी पक्ष विशाल बिसेन द्वारा उपस्थिति दर्ज करवायी गयी है एवं माननीय नयायाधीश के समक्ष मामले को प्रस्तुत कर प्रारंभ कर दिया गया है। अभियोगी के अधिवक्ता ने बताया कि मामला आपसी जमीनी विवाद का है जिसमे उनके पक्षकार विशाल बिसेन द्वारा कई वर्षों से प्रशासनिक स्तर पर शिकायत कर जांच एवम मामले के निराकरण की मांग की जा रही थी, परन्तु प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही समय रहते नही किये जाने के पश्चात मामले को माननीय न्यायालय वारासिवनी में परिवाद प्रस्तुत किया था।
उक्त मामला माननीय न्यायालय वारासिवनी में लंबित रहा, जिसके पश्चत माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार उक्त मामले की त्वरित सुनवाई हेतु भोपाल जिला न्यायालय स्थानांतरित किया गया है। पक्षकार विशाल बिसेन के अधिवक्ता मो. महबूब अंसारी द्वारा मामले पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उक्त मामले में मुख्य आरोपी गौरीशंकर बिसेन, तत्कलीन लालबर्रा तहसीलदार, तत्कालीन पटवारी एवं तत्कलीन वारासिवनी थाना प्रभारी है। मामले में अभियोगी विशाल बिसेन के पिता स्वर्गीय रमाशंकर बिसेन द्वारा दर्ज रजिस्टर्ड वसीयतनामे में इंगित पैतृक भूमि को कूटरचित तरीके से आरोपीगणो द्वारा दस्तावेज तैयार कर कब्जाने का प्रकरण है। मामले में माननीय न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए परिवादी के बयान 21 जनवरी को करवाने हेतु आदेशित किया है।