भोपाल। 30 नवम्बर को गायब हुए 22 वर्षीय युवक रोशन सिंह के बारे में पुलिस ने सूचना दी कि उसका शव मिला है। परिजनों ने कपड़ों व अन्य सामान से शिनाख्त की। इधर पुलिस ने परिजनों के आने से पहले ही शव को लावारिस बताकर दफनवा दिया। परिजनों के आने पर जब शव निकालने के लिए कब्र को खोदा गया तो शव भी गायब था। इस मामले में सारे सवाल अब शेष रह जाएंगे क्योंकि पुलिस ने हाथ झटक लिए हैं और परिजनों को भी चुपचाप वापस लौटा दिया गया है।
गुलाबगंज निवासी 22 वर्षीय रोशन पिता मनोहर चिराड़ एक रेस्तरां में कुक थे। मृतक के बड़े भाई रोहित ने बताया कि 30 नवंबर को रोशन ने उन्हें फोन करके रूम पर आने की बात कही थी। रोहित होशंगाबाद रोड पर किराए से रहते हैं। दोपहर 2 बजे रोहित चाबी रखकर ड्यूटी चले गए। रोहित के मुताबिक ड्यूटी से लौटने के बाद रूम में उन्हें रोशन का बैग और मोबाइल फोन मिला, लेकिन वह नहीं था। दो दिन तक उसकी तलाश करने पर उसका कुछ पता नहीं चलने के कारण 2 दिसंबर को उन्होंने मिसरोद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने सूचना दी कि 20-22 साल के युवक की ट्रेन से कटकर मौत हुई है। शिनाख्ती केि लिए रोहित बागसेवनिया थाने पहुंचे लेकिन विवेचना अधिकारी के बाहर होने के कारण वे वापस आ गए। इधर पुलिस ने शव को लावारिस मानकर दफना दिया।
शुक्रवार को उन्होंने परिजनों के साथ बागसेवनिया थाने पहुंचकर कपड़ों और अन्य सामान से रोशन की शिनाख्त की। उसके बाद वे भदभदा विश्रामघाट पहुंचे लेकिन यहां खुदाई के बाद भी रोशन का शव नहीं मिला। रोहित का कहना है कि वे आगे कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं। हालांकि रोशन के साथ क्या हुआ। यह सवाल अब भी कायम है। टीआई उमराव सिंह के अनुसार शव दफनाने का काम पुलिस का नहीं है। नगर निगम ने अज्ञात में रोशन का शव चार दिसंबर को भदभदा विश्रामघाट में दफनाया था। हमने उसकी पावती ली थी। आज परिजनों के सामने गड्ढा खुदवाया, लेकिन शव नहीं मिला।