भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने पहली ही बैठक में बीआरटीएस पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने इसे अनुपयोगी बताते हुए कहा कि इसे बंद करने पर विचार किया जाएगा।
मिसरोद से बैरागढ़ तक 24 किमी लंबे बस रैपिड ट्रांजिट कॉरिडोर (बीआरटीएस) पर नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने पहली बैठक में कहा कि उम्मीद के हिसाब से बीआरटीएस सफल नहीं हुआ है। इसलिए इसे हटाने पर विचार किया जाएगा। इसकी रैलिंग को हटाने पर सड़क चौड़ी हो जाएगी। उन्होंने अफसरों से कहा कि वे एक सप्ताह में अध्ययन करके रिपोर्ट बनाएं। अगली बैठक में इस पर विचार किया जाएगा।
मंत्री जयवर्धन ने कहा कि दिल्ली में भी बीआरटीएस नहीं है। इस समय भोपाल में इसकी उपयोगिता नहीं दिख रही। बीआरटीएस कॉरिडोर खाली पड़ा रहता है। उन्होंने कहा कि इस पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है, रिपोर्ट आने के बाद चर्चा करेंगे। जयवर्धन ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की भी जानकारी ली और कहा कि दोबारा फिजिबिलिटी चैक की जाए।
बीआरटीएस से दिक्कत क्यों...
कॉरिडोर के दोनों ओर ट्रैफिक जाम : बीआरटीएस के डेडिकेटेड कॉरिडोर की चौड़ाई 6.50 मीटर है, जबकि मिक्स लेन की चौड़ाई दोनों ओर 7-7 मीटर है। डेडिकेटेड कॉरिडोर के रूप में एक तिहाई सड़क खाली रहती है और मिक्स लेन पर ट्रैफिक जाम लगता है।
बसों के लिए आधे घंटे से ज्यादा इंतजार : बीआरटीएस की मूल डीपीआर में बताया गया था कि हर पांच मिनट में कॉरिडोर से बसें गुजरेंगी, लेकिन ऐसा नहीं है। बसों के लिए लोग राह ताकते रहते हैं। कई रूटों पर आधे घंटे में भी बस नहीं मिलती।