नई दिल्ली। इंजीनियरिंग, टेक्निकल और मैनेजमेंट (ENGINEER, TECHNOLOGY AND MANAGEMENT) की पढ़ाई (STUDY) करने के बाद 60 फीसदी छात्रों का भी कैंपस प्लेसमेंट नहीं हो पाता। ये जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने दी है। मंत्रालय देश भर में पर्यावरण इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों के विस्तार के किसी प्रस्ताव पर भी विचार नहीं कर रहा है।
मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने लोकसभा में बताया है कि इंजीनियरिंग, टेक्निकल और मैनेजमेंट संस्थानों के विद्यार्थियों का औसत कैंपस प्लेसमेंट 60 फीसदी भी नहीं पहुंचा है। सत्यपाल सिंह ने ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) के आंकड़ों के आधार पर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि 100% प्लेसमेंट को बढ़ावा देने के लिए AICTE ने ग्रैजुएट और पोस्ट ग्रैजुएट स्तर के लिए इंडस्ट्री आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया है।
पर्यावरण शिक्षा केंद्र स्थापित करने से जुड़े सवाल पर सत्यपाल सिंह ने कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। वे सोमवार को लोकसभा में एक लिखित प्रश्न का उत्तर दे रहे थे। सत्यपाल सिंह ने कहा, 'सरकार द्वारा सहायता प्राप्त संस्थानों में पर्यावरण इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में विस्तार के लिए पर्यावरण शिक्षा केंद्रों की स्थापना का कोई प्रस्ताव एचआरडी मंत्रालय के पास नहीं है।'
उन्होंने कहा, 'हालांकि, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्विद्यालयों के स्नातक पाठ्यक्रमों में क्रियान्वयन के लिए पर्यावरण अध्ययन का छह महीने का मॉड्यूल तैयार किया है।