भोपाल। सागर, सतना और खरगोन की घटनाएं सामने आने के बाद कांग्रेस ने सागर के जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार सिंह पर खुला आरोप लगाते हुए उन्हे मतगणना की प्रक्रिया से बाहर करने की मांग की है। कांग्रेस ने कहा है कि हम चाहते हैं कि स्ट्रांग रूम के नजदीक ऐसी जगह हमें स्थान दिया जाए जहां से हम सीधे आखों से स्ट्रांग रूम पर नजर रख सकें। कांग्रेस का कहना है कि ज्यादातर प्रत्याशी घबराए हुए हैं और प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप लगा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने विधानसभा चुनाव में हुए मतदान और ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की आशंका जातते हुए अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाये जाने के संबंध में एक ज्ञापन मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी.एल. कांताराव को सौंपा। ज्ञापन में लिखा है कि मध्यप्रदेश में विधान सभा के आम चुनाव का मतदान दिनांक 28 नवंबर 2018 को सम्पन्न हो चुका है, मतगणना दिनांक 11 दिसम्बर, 2018 को होना है। मतगणना के लिए सभी संबंधित ईवीएम मशीनों को जिला स्तर पर बनाए गए स्ट्रांग रूम में रखी होने के बावजूद उनमें छेडछाड की स्थिति बनी हुई है और इनसे चुनाव परिणाम प्रभावित होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
प्रदेश के अन्य कई क्षेत्रों से भी शिकायतें आ रही है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि मतगणना के लिए स्ट्रांग रूम में रखी गई ईवीएम मशीनों की निगरानी के लिए लगाए गए कैमरों के संबंध में डिजीटल वीडियों रिकार्डिंग का लिंक सार्वजनिक किया जावे जिससे कि कांग्रेस प्रत्याशी या उसके प्रतिनिधि आवश्यकतानुसार देखकर संतुष्टि कर सके। मतगणना हेतु सुरक्षित रखी गई मशीनों की निगरानी के लिए कांग्रेस प्रत्याशियों या उनके प्रतिनिधियों को स्ट्रांग रूम के नजदीक स्थान उपलब्ध कराया जावे जहां से वे स्ट्रांग रूम में होने वाली गतिविधियों का निरीक्षण कर संतुष्टि कर सके कि उसके चुनाव से संबंधित ईवीएम मशीनें सुरक्षित रखी गई हैं तथा उनके साथ कोई छेडछाड नहीं हो रही है। क्योंकि अधिकतर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशियों द्वारा यह शिकायत की जा रही है कि स्ट्रांग रूम के बाहर जिला प्रशासन, भाजपा सरकार एवं उनके नेताओं के दबाव में उन्हें स्ट्रांग रूम के बाहर नजदीक कोई स्थान उपलब्ध नहीं करा रहा है और स्थिति यह है कि स्ट्रांग रूम से आधा अथवा एक किलोमीटर की दूरी पर निगरानी के लिए स्थान निश्चित किया जा रहा है जहां से स्ट्रांग रूम में रखी मशीनों की निगरानी करना असंभव है।