नई दिल्ली। हमारे पूर्वजों का खानपान बिलकुल साइंटिफिक ( Scientific ) था। वो मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाते थे। मिट्टी खाने की पीएच वैल्यू ( PH value ) बैलेंस कर देती है और इसीलिए मिट्टी के बर्तनों में पका खाना खाने से एसिडिटी ( acidity ) नहीं होती। आज हम साइंस, फैक्ट्स, फंक्शनल-बैलेंस्ड-कीटो और पता नहीं कितनी तरह की डाइट की बात करते हैं।
वेस्ट को कॉपी करते हुए हम माइक्रोवेव ( Microwave ) पर शिफ्ट हो गए हैं। इसमें पका खाना हेल्दी नहीं है। एल्यूमीनियम भी बेहद खतरनाक है। पेट में जाता है तो कैंसर ( CANCER ) जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है या तो तांबे व लोहे की कढ़ाही में खाना बनाइए या फिर सिरेमिक में। नॉनस्टिक कुकवेयर तो और खतरनाक हैं। इन पर टेफलॉन कोटिंग होती है। एक स्क्रैच भी आया तो ये कैमिकल बॉडी में जाता है। आम लोगों को ये पता नहीं होता है कि टेफलॉन हमारी बॉडी में ईस्ट्रोजन हॉर्मोन की तरह बिहेव करतने लगता है और इससे कई तरह की गड़बड़ियां शरीर में होने लगती हैंं। इनमें से एक कैंसर भी है। दूसरा पहलू यह है कि टेफलॉन को पचाने के लिए हमारे शरीर में कोई एन्ज़ाइम्स नहीं है। अगर नॉनस्टिक पर एक खरोंच भी आ जाए तो वो फेेंकने काबिल ही है।
डाइट के मामले में अब लोग बेसिक्स पर लौट रहे हैं। रागी, ज्वार, बाजरा खाने लगे हैं। अनुराधा ने बताया कि लंच को चार पार्ट में डिवाइड करें। रोटी-चावल मील का एक चौथाई हिस्सा है। दूसरा हिस्सा दाल या नॉनवेज हो, तीसरा कच्ची सब्ज़ियां और चौथा दही या रायता। साथ ही अगर आप ओवर ईटिंग से बचना चाहते हैं तो खाने से 15 मिनट पहले गाजर-ककड़ी डला रायता खा लीजिए। इससे आपको स्टमक फुल लगेगा और आप ओवर ईटिंग या बिंजिंग से बचेंगे। शाम 4 बजे मखाने, अखरोट, फल वगैरह खा लें।
माइंडफुल ईटिंग और सही यूटेंसिल्स के बारे में / Regarding Mindful Eating and RIGHT Utensils
• डाइबिटीज़ है तो आटे का अनाज भून कर पीसें और मैथीदाना भी पीसकर डालें
• रोटी के आटे में गेहूं के साथ सिंकी हुई ज्वार, रागी, चने/राजमा और अजवाइन भून कर पीसें। डाइबिटीज़ है तो मैथीदाना डालकर पीसें। जो भी अनाज डालें उसे भूनें ज़रूर क्योंकि कच्चे अनाज से पेट दुखेगा।
• बच्चे दूध दही नहीं लेते हैं तो सादी रोटी का आटा दूध से और थेपले चीले का मिश्रण दही डालकर बनाएं।
• मीठा खाने की इच्छा तब ज्यादा होती है जब बॉडी में क्रोमियम मैग्नेशियम की कमी हो जाती है। चेक कराएं वरना दिक्कत बढ़ेगी।
• दिन में 5 ग्राम से ज्यादा नमक न लें।
• सिरेमिक यूटेंसिल्स में पका खाना बेहतर रहेगा।
• रात में हल्दी दूध लें। दूध नहीं तो हल्दी डला गुनगुना पानी पिएं।
डाइटीशियन अनुराधा भगत मुंबई में प्रैक्टिस करतीं हैं एवं देश भर में वर्कशॉप व सेमिनार्स में हिस्सा भी लेतीं हैं।