भोपाल। प्रदेश के जिला कोषालय ( Treasury ) की लापरवाही का खामियाजा पेंशनरों (Pensioners ) को भुगतना पड़ रहा है। सेवानिवृत्ति की तिथियां गलत अंकित करने के कारण पेंशनरों को सातवें वेतनमान ( Seventh pay scale ) के देय एरियर में अनावश्यक विलंब हो रहा है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि पेंशनरों के समस्त सेवाअभिलेख कोषालय या विभाग में मौजूद होते हुए भी इनकी सेवानिवृत्ति की तिथियां गलत अंकित करने के कारण पेंशनरों को सातवें वेतनमान के देय एरियर में अनावश्यक विलंब हो रहा है। लगता है सेवानिवृत्ति की वास्तविक तिथि को जानबूझकर गलत डाला जाता है ताकि पेंशनर इनके चक्कर लगाते रहे व भ्रष्टाचार के रूप में इनका दोहन किया जा सके। गलत तिथि को सुधारना आसान नहीं है। साफ्टवेयर में संशोधन भोपाल स्तर से ही संभव है।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ आयुक्त कोषलेखा एवं पेंशन विभाग मप्र भोपाल से मांग करता है कि पेंशनरों के प्रकरणों की समीक्षा करवा कर कोषालय में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं काकस पर नकेल कसे व प्रदेश के पेंशनरों के लंबित सातवें वेतनमान के एरियर के भुगतान में विलंब होने पर जिलाकोषालय अधिकारी की जवाबदेही तय की जावे। जीवन भर शासकीय सेवा में रहने वाले पेंशनरों को जीवन के अंतिम पड़ाव में व्यथित करना अमानवीय व अक्षम्य है।