नई दिल्ली। अगले साल से सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रमोशन में सबसे अहम भूमिका पब्लिक फीडबैक की रहेगी। जिस अधिकारी और कर्मचारियों की ग्रेडिंग बेहतर होगी, उन्हें बेहतर प्रमोशन मिल सकेगा। किसी प्रॉडक्ट की तरह इन कर्मचारियों की भी ग्रेडिंग करने का पूरा सिस्टम बनाया गया है। इसके लिए पीएमओ ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग को निर्देशित किया था।
सूत्रों के अनुसार पीएमओ के निर्देश पर डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) ने इस प्रस्ताव को मान लिया है और 1 अप्रैल 2019 से नई व्यवस्था लागू की जा सकती है। नई व्यवस्था के तहत सरकारी कामकाज के दौरान आम लोगों का अनुभव किस तरह होता है और वे बाबू और कर्मचारियों को किस तरह की ग्रेडिंग देंगे, इसे पब्लिक डोमेन में रखा जाएगा। आम लोगों की ओर से मिली ग्रेडिंग इन अधिकारियों के प्रमोशन से लेकर वेतन वृद्धि तक तय करेगी। पीएमओ के निर्देश पर इसका फॉरमैट तैयार किया गया।
सातवें वेतन आयोग ने दिया था सुझाव
नए फॉरमैट में अधिकारी के कामकाज को ग्रेड और अंक देने की व्यवस्था है। इसे उस अधिकारी और कर्मचारी के रेकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। इसका मतलब कि अब केंद्र सरकार के दफ्तरों में फाइव स्टार या वन स्टार अधिकारी या कर्मचारी के बारे में लोग पहले ही जान सकेंगे। दरअसल, सातवें वेतन आयोग में इनके कामकाज की समीक्षा को और बेहतर करने के कई सुझाव दिए गए थे। जिन मंत्रालयों और विभागों का अधिकतर वास्ता सीधे आम लोगों से पड़ता है, वहां अब प्रमोशन और बेहतर अप्रेजल के लिए 80 फीसदी वजन पब्लिक फीडबैक को दिया जाएगा।