भोपाल। मप्र में सत्ता परिवर्तन के साथ ही पुराने विवादित आदेश राज्यशिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा जारी कर दिए गए। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैया लाल लक्षकार ने बताया कि विधानसभा निर्वाचन के पश्चात सत्ता परिवर्तन हुआ है। नवागत मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ ने अभी तो अपने पद व गोपनीयता की शपथ भी नहीं ली है और राज्य शिक्षा केंद्र ने एक आदेश जारी कर दिया। यह आदेश कांग्रेस की नवनिर्वाचित सरकार के शपथ पत्र में किए गए वादे के खिलाफ है।
श्री जेपी आईरीन सिंथिया संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल के आदेश दिनांक 30/06/2018 संदर्भ मे दिनांक 12/12/2018 को जारी आदेश से समस्त डीपीसी जिला शिक्षा केंद्र मप्र को कहा कि प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षकों की उपस्थिति एम शिक्षामित्र से अनिवार्य लगवाने के निर्देश दिए व आगामी वीडियो कांफ्रेंस में समीक्षा की जाएगी। मप्र में सत्ता परिवर्तन के साथ जो दल सत्ता पर काबिज होने जा रहा है उनके वचन पत्र में क्रमांक 47•14 पर एम शिक्षामित्र से उपस्थित नहीं लगाने की घोषणा कर रखी है।
दिनांक 17/12/2018 को श्री कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे है इस बीच संचालक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने सत्ताधारी दल के वचन पत्र को दर किनार कर शिक्षकों की उपस्थिति एम शिक्षामित्र से सुनिश्चित करने की हिमाकत की है। पूर्व में इस आदेश के खिलाफ शिक्षकों ने आक्रोश व्यक्त कर विरोध स्वरूप आंदोलन किये है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ इस आदेश का पुरजोर विरोध करता है व मांग करता है कि इस प्रकार के कर्मचारी विरोधी आदेश तत्काल प्रभाव से वापस लिये जाए नहीं तो विरोध का सामना करना पड़ेगा।