आउटसोर्स कर्मचारियों ने "हरामखोर नेता" के विरोध में मोर्चा खोला, ज्ञापन दिया | EMPLOYEE NEWS

NEWS ROOM
जबलपुर। मध्यप्रदेश कंप्यूटर आपरेटर महासंघ द्वारा निगम की आला अधिकारी श्रीमती मंजू सिंह द्वारा महासंघ को अपशब्द बोले जाने एवं कंप्यूटर आपरेटरों को धमकाने, विगत 5 माह से वेतन भुगतान ना करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। महासंघ द्वारा इसी तारतम्य में जबलपुर में दिनाँक 06/12/2018 को शांति पूर्ण तरीके से वीरोध प्रदर्शन किया गया तथा कमिश्नर महोदय जबलपुर नगर निगम, कमिश्नर महोदय जबलपुर संभाग जबलपुर, कलेक्टर महोदया जबलपुर जिला को ज्ञापन सौंपा गया और मामले की सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की गई। 

कंप्यूटर आपरेटरों से काम तो लिया जा रहा है लेकिन जब वो अपने वेतन की बात करते है तो अधिकारियों द्वारा आपरेटरों को धमकाया जाता है। उन्हें मौखिक रूप से निकाल दिया जाता है। महासंघ द्वारा अधिकारियों की इस प्रकार की कार्यशैली पर जब आपत्ती दर्ज कराई गई तब अधिकारियों द्वारा महासंघ को "हरामखोर नेता" जैसे अपशब्दों से संबोधित किया जाता है। नगर निगम में अधिकारी भ्रष्टाचार में पूर्णतः लिप्त है कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटरों का ठेका प्रति आपरेटर 14000 रुपये प्रतिमाह का होता है लेकिन ठेकेदार द्वारा आपरेटरों को भुगतान मात्र 6000 से 9000 के बीच किया जाता है। 

सारे मामले की जानकारी कई बार आपरेटरों ने अधिकारियों को बताई है लेकिन अधिकारियों को ठेकेदार द्वारा लगातार मोटी रकम कमीशन के रूप में देते आये है। जिसके कारण अधिकारियों द्वारा कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटरों को डराया धमकाया जाता है ताकि कोई भी ऑपरेटर उनके विरूद़ध अपना मुह ना खोल पाये। जब पूरा मामला मध्‍यप्रदेश कम्‍प्‍यूटर ऑपरेटर महासंघ के समक्ष रखा गया तो महासंघ द्वारा तत्‍परता दिखाते हुए अधिकारियों से इस मामले में बात की गई। मामले में महासंघ के आने से अधिकारी सकते में आ गए तथा उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा और वो महासंघ के विरोध में अपने पद की गरिमा के विरूद्ध अपनी ओछी मानसिकता का परिचय देते हुए महासंघ को गालियां देने लगे तथा। 

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री रितेश देवनाथ द्वारा भुगतान से संबंधित तथा आपरेटरों की संख्यात्मक जानकारी हेतु RTI निगम से जानकारी चाही गई थी लेकिन निगम द्वारा उक्त जानकारी ना देते हुए गोल मोल जवाब दिया गया। ज्ञात हो कि निगम में सूचना के अधिकार के लिए श्रीमती अंजू सिंह ही प्रभारी अधिकारी है। ये वही अधिकारी हैं जिन्‍होंने महासंघ के विरूद्ध अपमानजनक शब्‍दों का इस्‍तेमाल किया। उक्‍त अधिकारी द्वारा दिये गए RTI के जवाब से यही साबित होता है कि निगम में कितने आपरेटर कार्यरत है ये तक निगम को नही पता है या जानकारी छुपाई जा रही है। महासंघ को जानकारी लगी है कि जो आपरेटर निगम में कार्यरत है ही नही उनके नाम का भी फर्जी बिल लगाकर मोटी रकम निकाली जाती है तथा रकम की बंदर बांट की जाती है। 

सारे मामले में निगम की आला अधिकारी श्रीमती अंजू सिंह की ही संलिप्तता नजर आती है। ठेकेदार ने भी मोबाइल पर स्वीकार किया है कि निगम में थोड़ा बहुत तो चढ़ावा लगता ही है। बेचारे भोले भाले आपरेटरों को ये तक नही पता कि वो मेहनत कर रहे है और मलाई भ्रष्ट अधिकारी खा रहे है। अतः महासंघ द्वारा शासन के समक्ष यह मांग रखी जाती है कि इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच बैठाई जाय तथा निगम के भ्रष्ट अधिकारियों पर ठोस कार्यवाही की जावे। जिससे कंप्यूटर आपरेटरों को उनका अधिकार प्राप्त हो सके। महासंघ द्वारा यह मांग भी की जाती है कि निगम में ठेका पद्धति से कार्यरत कंप्यूटर आपरेटरों को दैनिक वेतन भोगी की श्रेणी में लाते हुए विभाग द्वारा सीधे उन्‍हें ही वेतन का भुगतान किया जावे ताकि भविष्‍य में ऑपरेटरों को इस प्रकार से प्रताडित़ ना होना पड़े।

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!