बुलंदशहर। बजरंग दल नेता की शिकायत पर गोकशी मामले में दर्ज एफआईआर में दो नाबालिगों के नाम भी हैं। दोनों नाबालिगों की उम्र 11 और 12 साल है और दोनों चचेरे भाई हैं। पुलिस ने बुधवार को दोनों को बुलाकर चार घंटे तक पूछताछ की। नाबालिगों के परिजनों का आरोप है कि पुलिस बजरंग दल के नेता योगेश राज के दबाव में परेशान कर रही है। वहीं, पुलिस इसे जांच का हिस्सा बता रही है।
बुलंदशहर के स्याना में सोमवार को गोकशी को लेकर हिंसा फैली थी। हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की हैं। पहली एफआईआर योगेश की शिकायत पर गोकशी मामले में दर्ज की गई है। इसमें 7 लोगों के नाम हैं। वहीं, दूसरी एफआईआर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में दर्ज किया गया। इसमें 27 के नाम हैं, 60 से ज्यादा अज्ञात हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार देर रात अफसरों के साथ आवास पर बुलंदशहर में हुई हिंसा की घटनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने मारे गए छात्र सुमित के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया। साथ ही गोकशी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा- बुलंदशहर की घटना एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा है।
योगी ने कहा कि 19 मार्च 2017 से सूबे के सभी अवैध स्लॉटर हाउस बंद कर दिए गए हैं। अगर कहीं अभी भी चल रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की होगी। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को इस आदेश का कड़ाई से पालन कराने को कहा। योगी ने निर्देश दिया कि प्रदेश में ऐसा अभियान चलाया जाए, जिससे माहौल खराब करने वाले तत्व बेनकाब हो सकें। मुख्यमंत्री ने बुलंदशहर हिंसा मामले में सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए।
मामले में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर आनंद कुमार ने कहा कि अभी तक इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार ही लोगों को हिरासत में पूछताछ की जा रही है। फिलहाल, हालात काबू में हैं। हमारी 6 टीमें छापेमारी कर रही हैं। वीडियो फुटेज, चश्मदीदों के बयान पर ही कार्रवाई की जा रही है। मामले की जांच एसआईटी कर रही है।
उन्होंने बताया कि मामले में 27 लोगों को नामजद किया गया है। इन पर 17 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। गोकशी मामले में शिकायतकर्ता योगेश राज हिंसा का मुख्य आरोपी है। घटना के बाद से वह फरार बताया जा रहा है। 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
सुमित का नाम 16वें स्थान पर
मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि 27 लोगों पर हुई एफआईआर की सूची में सुमित का नाम 16वें स्थान पर है लेकिन उसकी मौत हो चुकी है। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती है। भले ही उसका अपराध साबित हो। राज्य सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को जो निर्णय लेना होगा, वह लेगी। वहीं, सांसद भोला सिंह मंगलवार को मृतक सुमित के घर पहुंचे थे। भारी दबाव के बाद जिला प्रशासन ने सुमित के परिजनों को पांच लाख रुपए की सहायता देने का ऐलान किया है।