नई दिल्ली। कुछ सालों पहले तक शेल्टर होम को भगवान का घर कहा जाता था। लावारिस बच्चों की देखभाल और पढ़ाई कराना निश्चित रूप से पुण्य का काम है लेकिन एक के बाद एक शेल्टर होम में जो दरिंदगी की कहानियां सामने आ रहीं हैं वो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। यहां दिल्ली शेल्टर होम में मासूम बच्चियों को अत्याचार की हदें पार कर दीं जातीं थीं। 08 से 16 साल तक की लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में मिर्ची भर दी जाती थी।
दिल्ली शेल्टर होम मामले में पुलिस ने स्टॉफ की ही चार महिला कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इन महिलाओं को केस में कनेक्शन होने की वजह से गिरफ्तार किया है। बता दें कि शेल्टर होम में काम नहीं करने पर बच्चियों को मिर्च खिलाने के साथ ही उनके निजी अंगों में मिर्च पाउडर लगाया जाता था। 27 दिसंबर को दिल्ली महिला आयोग (DCW) की समिति की सदस्य जब शेल्टर होम में निरीक्षण के लिए पहुंचीं तो बच्चियों ने अपना दर्द बयां किया था।
समिति की शिकायत पर द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने पॉक्सो व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। दिल्ली सरकार की सलाह पर दिल्ली महिला आयोग ने एक समिति का गठन किया है। समिति को सरकारी और निजी शेल्टर होम की जांच कर इनमें सुधार के लिए सलाह देने को कहा गया है। 27 दिसंबर को समिति की सदस्यों ने द्वारका स्थित एक शेल्टर होम का दौरा किया था।
सदस्यों ने वहां रहने वालीं छह से नौ वर्ष, दस से 13 वर्ष व 13 से 15 वर्ष की बच्चियों से अकेले में बात की तो बड़ी उम्र की लड़कियों ने बताया कि उनसे सारे घरेलू काम करवाए जाते हैं और निजी अंगों में मिर्च पाउडर लगाया जाता है। सफाई नहीं करने पर पीटा जाता है। पुलिस ने बताया कि बच्चियों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए गए हैं।
इस पर दिल्ली महिला आयोग (DCW) अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने समाचार एजेंसी ANI से कहा कि द्वारका के शेल्टर होम में बच्चिों से दरिंदगी की जाती थी। इन्हें मारा पीटा जाता था, इनमें दो बच्चियां तो 6-7 वर्ष की हैं। उन्हें सजा देने के लिए निजि अंगों में मिर्च पाउडर डाला जाता था। उन्होंने बताया कि इस बाबत मामला दर्ज कर लिया गया है।
द्वारका के पुलिस उपायुक्त अल्टो अल्फोंसो के मुताबिक, समिति यह देखकर चकित थी कि शेल्टर होम में नन्ही बच्चियों को बहुत सख्त सजा दी जाती थी। लड़कियों ने बताया- 'अनुशासन में रखने के नाम पर शेल्टर होम वाले उन्हें जबरन मिर्च खिलाते हैं। इतना ही नहीं, शेल्टर होम की महिला स्टाफ सजा के नाम पर बच्चियों के निजी अंगों में मिर्ची तक डाल देती थीं।
बता दें कि इसी महीने 3 दिसंबर को पूर्वी दिल्ली के एक शेल्टर होम से 9 लड़कियों के गायब होने की सनसनीखेज घटना सामने आई थी। मामला दिल्ली के दिलशाद गार्डन इलाके का था। जानकारी के मुताबिक, 1-2 सिसंबर के बीच की रात लड़कियों लिए बने शंकर आश्रम में छापा मारा तो वहां से 9 लड़कियां गायब मिलीं। इस पर जिम्मेदार अधिकारियों का कहना था कि उन्हें कुछ भी जानकारी नहीं है कि लड़कियां कहां गईं। इसके बाद पुलिस में लड़कियों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी।
बताया जा रहा है कि आश्रम में लड़कियों के न होने की जानकारी 2 दिसंबर को सुबह मिली इसके बाद पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। मामले की शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि इन 9 लड़कियों को द्वारका के एक शेल्ट होम से 04.05.2018 को यहां ट्रांसफर किया गया था। ये लड़कियां मानव तस्करी और बड़े पैमाने पर यौनशोषण की शिकार थीं।
इससे पहले दिल्ली महिला आयोग को बाल कल्याण समिति-V के कुछ सदस्यों की ओर से लिखित में शिकायत मिली थी कि दिलशाद गार्डन के शंकर आश्रम में लड़कियों के साथ बहुत बुरा बर्ताव होता है। एक घटना का जिक्र करते हुए बताया गया कि यहां आश्रम की इंचार्ज की द्वारा लड़कियों को बुरी तरह से पीटा जाता है और उन्हें कई प्रकार की यातनाएं सहनी पड़ती हैं। सदस्यों ने मांग की थी महिला आयोग में मामले में हस्तक्षेप करे। क्योंकि जेजे एक्ट 2015 के अनुसार बच्चों की पिटाई करना एक गंभीर अपराध है। इसके बाद दिल्ली महिला आयोग हरकत में आया और आश्रम का दौरा किया था।