नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपना योगदान 10% से बढ़ाकर 14% करने का फैसला लिया है। यह अगले वित्त वर्ष (2019-20) से लागू होगा। कर्मचारियों के लिए न्यूनतम योगदान 10% ही रहेगा। टैक्स वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस फैसले से 36 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा होगा।
रिटायरमेंट के समय कर्मचारी एनपीएस की 60% रकम निकालेंगे तो उन्हें टैक्स भी नहीं चुकाना होगा। यानी पूरी रकम की निकासी टैक्स फ्री होगी। क्योंकि, 40% राशि एन्युटि में जाती है। रकम निकासी पर टैक्स छूट सभी श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए लागू होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि एनपीएस में सरकार का योगदान बढ़ने से वित्त वर्ष 2019-20 में 2,840 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। एनपीएस को ईईई (एक्जेम्प्ट-एक्जेम्प्ट-एक्जेम्प्ट) श्रेणी में लाने की मांग लंबे समय से की जा रही थी।
क्या है एनपीएस ?
यह सरकारी पेंशन स्कीम है। जनवरी 2004 में यह सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी। लेकिन, 2009 में सभी के लिए खोल दी गई। कर्मचारी अपने सेवाकाल के दौरान एनपीएस खाते में योगदान देता है। रिटायरमेंट पर वह 60% रकम निकाल सकता है। बाकी 40% रकम एन्युटि स्कीम में लगा सकता है। जिससे रिटायरमेंट के बाद नियमित आय होती रहती है।