GWALIOR: पुलिस पर पथराव, गाड़ियां तोड़ीं, चक्काजाम, लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले दागे | MP NEWS

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ग्वालियर। किला तलहटी में शनिवार को बरामद हुए शव की पहचान आठ दिन से लापता हजीरा निवासी 10 साल के अभिषेक राठौर के रूप में हुई। घटना से आक्रोशित परिजन व उनके परिचितों ने रविवार शाम साढ़े पांच बजे चक्का जाम कर दिया। परिजन बच्चे के शव को लेकर मल्लगढ़ा तिराहे पर बैठ गए। उनका आरोप था कि पुलिस ने संदेही पर सख्ती नहीं की, इसलिए ऐसा हुआ। परिजन ने हजीरा थाने के पूरे स्टाफ को सस्पेंड करने की मांग की। एक घंटे बाद भी जब यह लोग सड़क से नहीं हटे तो पुलिस ने उन्हें जबर्दस्ती हटाने का प्रयास किया। इससे आक्रोशित हुए लोगों ने वहां खड़ी बस, ट्रक सहित छह गाड़ियों के कांच तोड़ दिए और उनमें आग लगाने की कोशिश की। गुस्साए लोगों ने पुलिस पर जमकर पथराव किया।

जवाब में पुलिस ने लाठियां चलाकर लोगों को खदेड़ा और अश्रु गैस के गोले छोड़े। पुलिस की सख्ती के बाद भगदड़ मच गई। इस दौरान बच्चे के पिता सहित 4 लोग घायल हो गए। इन्हें हल्की चोटें आईं हैं। उपद्रव के बाद कांग्रेस नेता प्रद्युम्न तोमर आैर सुनील शर्मा ने मृतक के घर पहुंचकर 10-10 हजार रुपए बच्चे के परिजन को दिए। जिला प्रशासन ने भी 10 हजार रुपए दिए।

यह हुआ घटनाक्रम / This happened


शाम 5.30 बजे परिजन ने बच्चे का शव सड़क पर रखकर ट्रैफिक जाम कर दिया। पुलिस व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। यहां पहुंचे एएसपी अमन राठौर, एएसपी सतेन्द्र तोमर, सीएसपी मुनीष राजौरिया व अन्य पुलिस अधिकारियों से प्रदर्शनकारियों की तीखी बहस हुई।
6.30 बजे पुलिस अधिकारियों ने कहा कि सिर्फ परिजन ही बात करने के लिए रुकें, बाकी लोग यहां से चले जाएं। पुलिस ने लोगों को खदेड़ा तो विरोध होने लगा। इसी बीच पुलिस ने ट्रैफिक खुलवा दिया।
6.40 बजे ट्रैफिक खुला तो आक्रोशित लोगों ने गाड़ियां तोड़ना शुरू कर दीं। फिर पथराव कर दिया। पुलिस ने लाठी चलाईं और अश्रु गैस के 13 गोले छोड़े। करीब 15 मिनट तक पथराव चला। रात 9 बजे तक क्षेत्र में पुलिस बल अलर्ट पर था।

शॉर्ट पीएम रिपोर्ट में क्या आया / What happened in the short-PM report,


पसलियां टूटने से हुई मौत पीएम करने वाले डॉक्टरों ने पुलिस को बताया है कि अभिषेक की मौत पसलियां टूटने और शरीर में अंदरूनी चोटें लगने से हुई है। पुलिस का अनुमान है कि किले से गिरने से अभिषेक की मौत हुई होगी। लेकिन वह खुद गिरा या फेंका गया, यह स्पष्ट नहीं है।

ABHISHEK के पिता ने क्या कहा

विवेक पर सख्ती करती पुलिस तो पहले ही अभिषेक का पता लग जाता गदाईपुरा स्थित दुर्गा कॉलोनी के रहने वाले रामनिवास राठौर जेबी मंघाराम फैक्टरी में श्रमिक हैं। उनका छोटा बेटा अभिषेक (10) डीके पब्लिक स्कूल में पढ़ता था।

रामनिवास के मुताबिक 25 नवंबर को घर के मोबाइल पर 18 वर्षीय विवेक लोधी ने कॉल कर अभिषेक को मिलने बुलाया। अभिषेक घर पर बताकर गया कि भाजपा की रैली में जा रहा हूं। इसके बाद वह घर लौटकर नहीं आया। रामनिवास के मुताबिक हमारी शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का मामला तो दर्ज किया लेकिन संदेही विवेक पर सख्ती नहीं की। पिता का आरोप है कि पुलिस ने अगर विवेक से सख्ती से पूछताछ की होती तो पहले ही अभिषेक के बारे में पता लग जाता।


अखबार में खबर पढ़कर पीएम हाउस पहुंचे परिजन : 

अभिषेक के पिता रामनिवास ने बताया कि शनिवार को किला तलहटी में शव मिला। पुलिस कंट्रोल रूम से सभी थानों को सूचना दी गई कि जो भी क्षेत्र में लापता हैं, उनके परिजन को सूचना दी जाए लेकिन हजीरा पुलिस ने हमें सूचना नहीं दी। अखबार में खबर पढ़कर हम पीएम हाउस पहुंचे। यहां कपड़ों से अभिषेक की पहचान हुई।

TEACHER को लव लेटर पहुंचाता था अभिषेक

जांच में पुलिस को पता लगा है कि  स्कूल में पढ़ाने वाली एक टीचर और विवेक लोधी के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था। अभिषेक से विवेक ने इसलिए दोस्ती की थी कि वह लव लेटर पहुंचाता था। टीचर पर मोबाइल नहीं था। परिजन का आरोप है कि इसी के चलते अभिषेक की हत्या की गई है।

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